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कास्तकारों ने स्वयं ही नहर की सफाई कर शासन प्रशासन को दिखाया आइना

-गौचर से दिग्पाल गुसाईं –
सिंचाई व्यवस्था से परेशान कास्तकारों ने स्वयं ही पनाई नहर की साफ सफाई कर शासन प्रशासन को आइना दिखाने का काम किया है। इस अवसर पर महिलाओं ने सिंचाई विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

दरअसल 60 के दशक में बनाई गई जनपद चमोली की गौचर पनाई की सिंचाई नहर सिंचाई विभाग व शासन की घोर लापरवाही के चलते जीर्ण शीर्ण हालत पहुंच गई है। जिससे इस नहर पर पानी चलाना काश्तकारों के बूते की बात नहीं रह गई है।

 

नहर लंबे समय से जहां झाड़ियों व मलवे से पटी हुई है वहीं जगह जगह क्षतिग्रस्त होने की वजह से पानी नहर के टेल तक पहुंचाना टेड़ी खीर साबित हो रहा है। ऐसा नहीं कि सिंचाई विभाग के अधिकारी इस बात से अनभिज्ञ हों। लेकिन सब जानते हुए भी विभाग के अधिकारी आराम फरमा रहे हैं।

वर्तमान में सिंचाई विभाग ने नहर के मरम्मत कार्य ऐसे  हिस्से में करवाया जहां ज्यादा आवश्यकता नहीं थी। पानी के अभाव में क्षेत्र के काश्तकारों ने धान की रोपाई भी तब की जब प्री मानसून की एक दो दिन बारिश हुई अब क्षेत्र में बारिश न होने से धान की फसल पर इसका विपरीत असर पड़ने लगा है।

अलग राज्य बने 24 साल बीतने को हैं लेकिन सिंचाई विभाग अब तक धन का रोना ही रोता आ रहा है। इसका नतीजा क्षेत्र के कास्तकारों को भुगतना पड़ रहा है। टेल पर नहर का लगभग एक किलोमीटर हिस्सा पूरी तरह क्षतिग्रस्त होने से सड़क की नाली से काम चलाया जा रहा है। अब परेशान कास्तकारी महिलाओं ने स्वयं ही पनाई नहर की साफ सफाई का बीड़ा उठाकर शासन प्रशासन को आइना दिखाने का काम किया है।

इस अवसर पर बंदरखंड की महिला संगठन अध्यक्ष उर्मिला धरियाल, पूर्व अध्यक्ष विजया गुसाईं,किसमती गुसाईं, बीना चौहान, आशा गुसाईं, जशदेई कनवासी, राजेश्वरी बिष्ट,मोहन सिंह कनवासी,मंजू नेगी, संतोषी कनवासी, सतेश्वरी देवी, सतेश्वरी कनवासी, आशा देवी,दीपा भंडारी, शंकुतला भंडारी, सरिता भंडारी, विनीता भंडारी, अरूणा कनवासी, सुनीता कनवासी, पूनम कनवासी,ऊषा देवी, गुड्डी देवी, गुड्डी कनवासी, विमला देवी, कलावती देवी आदि कई महिलाओं ने योगदान दिया। इस अवसर पर गुस्साई महिलाओं ने सिंचाई विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की।

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