चौदह वर्षों के बाद आगामी 30 दिसंबर को तुगेश्वर मंदिर में लगेगा चौसठ मेला
–थराली से हरेंद्र बिष्ट —
चौदह वर्षों के बाद आगामी 30 दिसंबर को दक्षिण काली के तुगेश्वर मंदिर में चौंसठ मेले का आयोजन किया जाएगा।सोमवार को तुगेश्वर में आयोजित एक बैठक में यह निर्णय लिया गया।
चौंसठ मेले कमेटी के अध्यक्ष कुंवर सिंह रावत की अध्यक्षता में तुगेश्वर स्थित काली मंदिर प्रांगण में आयोजित बैठक में पंचांगों की गणना के अनुसार 30 दिसंबर को चौंसठ मेले का आयोजन किया जाएगा।तैय कार्यक्रम के अनुसार 29 दिसंबर को बधाण की नंदा भगवती का उत्सव डोला छः माह के नंदा सिद्वपीठ देवराड़ा प्रवास के बाद पौष मास की सप्तमी के दिन सिद्धपीठ कुरूड़ के लिए रवाना होने की प्रक्रिया के तहत देवराड़ा मंदिर के गर्भगृह से बहार निकल कर दक्षिण काली मंदिर तुगेश्वर पहुचेगा।डोले के पहुंचते ही यहां पर चौंसठ मेले के अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे।
इसके बाद 30 को यहां पर चौंसठ मेले के बड़े अनुष्ठान सम्पन्न होंगे।उस दिन नंदा भगवती का डोला तुगेश्वर में ही रहेगा। उसके बाद 31 दिसंबर को सिद्धपीठ कुरुड़ को रवाना होने के तहत अगले पड़ाव के लिए रवाना हो जाएगी। बैठक में चौंसठ के आयोजन के तहत निर्माण लेते हुए बताया गया कि 2009 के बाद बधाण पट्टी के लोगों की सहमति के बाद चौसठ का आयोजन किया जा रहा हैं। आयोजन को भव्य बनाने के लिए सभी को एक जुट होकर कार्य करना होगा।
इस बैठक में अलग-अलग लोगों को अलग-अलग जिम्मेदारियां सौंपी गई।इस बैठक में समिति के उपाध्यक्ष भगोत सिंह भंडारी, सचिव खिलाप सिंह, कोषाध्यक्ष गिरीश चंद्र देवराड़ा, संयोजक धनराज रावत, प्रचार-प्रसार मंत्री हरेंद्र सिंह,पप्पू बाबा, भूपेंद्र सिंह जंधारी,हरक सिंह,प्रेम सिंह,सौर्य प्रताप सिंह रावत, सुरेंद्र फर्स्वाण,मोहन राम,वीरी राम, आशीष थपलियाल,नंदा देवी राजराजेश्वर मंदिर समिति कुरूड़ के अध्यक्ष नरेश गौड़ आदि ने विचार व्यक्त किए।