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मुख्यमंत्री धामी ने वनाधिकारियों से कहा – वनों को लोगों की आजीविका से जोड़ा जाय

–uttarakhandhimalaya.in —-

देहरादून 21 जनवरी । मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को राजपुर रोड स्थित मंथन सभागार में भारतीय वन सेवा संघ, उत्तराखण्ड के वार्षिक अधिवेशन में कहा कि 2025 में उत्तराखण्ड राज्य स्थापना की रजत जयंती मनायेगा। तब तक वन विभाग द्वारा राज्य के विकास के लिए क्या योगदान दिया जा सकता इसके लिए लक्ष्य बनाकर आगे बढ़ना होगा।

उन्होंने कहा कि वनों के माध्यम से लोगों की आजीविका जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया जाए। मानव एवं वन्यजीव संघर्ष को कम करने, वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए आम जन से सहयोग एवं वन पंचायतों को मजबूत बनाने की दिशा में प्रभावी प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैव विविधताओं वाला प्रदेश है। राज्य में वन सम्पदाओं से राजस्व वृद्धि की दिशा में भी ध्यान दिया जाए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमें ईकोलॉजी एवं इकोनॉमी में समन्वय बनाकर आगे बढ़ना है। विकास कार्यों के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के साथ आगे बढ़ना है। पर्यावरण संरक्षण के कार्य के साथ ही लोगों को इसके प्रति जागरूक करने की वन विभाग की बड़ी जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मसूरी में आयोजित चिंतन शिविर में वन विभाग को राज्य में बंदरों एवं अन्य जंगली जानवरों से फसलों को होने वाले नुकसान को बचाने के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाने को कहा गया था। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस दिशा में विभाग द्वारा तेजी से प्रयास किये जा रहे होंगे।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड वन सम्पदाओं से सपन्न राज्य है। अपनी वन संम्पदाओं के सदुपयोग से हम लोगों की आजीविका में कैसे वृद्धि कर सकते हैं, इस दिशा में हमें निरंतर प्रयास करने होंगे। पर्यावरण संतुलन विश्व की सबसे बड़ी चिंता है। वन विभाग को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर एवं लोगों को इसके प्रति जागरूकता में अहम भूमिका निभानी होगी। उन्होंने कहा कि राज्य में वन क्षेत्र बढ़ा है, इसके लिए उन्होंने वन विभाग के प्रयासों की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि वनों एवं पर्यावरण के संरक्षण के लिए हमें इनको लोगों की आजीविका से जोड़ना होगा।

इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव डॉ. समीर सिन्हा, प्रमुख वन संरक्षक वन पंचायत सुश्री ज्योत्सना सितलिंग, आईएफएस एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल लाल एवं भारतीय वन सेवा संघ, उत्तराखण्ड के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

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