सुरक्षा

‘आकाश’ ही सीमा है: भारतीय नौसेना के बहु-विमान वाहक बल का प्रदर्शन

अरब सागर में आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत का संयुक्त संचालन

It also marks a significant milestone in the Indian Navy’s pursuit of enhancing maritime security and power projection in the Indian Ocean, and beyond. The exercise involved the seamless integration of two Aircraft Carriers INS Vikramaditya and the indigenously built INS Vikrant- along with a diverse fleet of ships, submarines and aircraft, showcasing India’s technological expertise in the maritime domain.

—uttarakhandhimalaya.in –

हिंद महासागर – भारतीय नौसेना ने अरब सागर में बहु-वाहक संचालन और 35 से अधिक विमानों की समन्वित तैनाती के शानदार प्रदर्शन के साथ अपनी दुर्जेय समुद्री क्षमताओं का प्रदर्शन किया। नौसैनिक शक्ति का यह प्रदर्शन राष्ट्रीय हितों की रक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता और समुद्री क्षेत्र में साझेदारी को बढ़ावा देने की भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

यह हिंद महासागर और उससे आगे समुद्री सुरक्षा तथा शक्ति-प्रक्षेपण में विस्‍तार की भारतीय नौसेना के लक्ष्‍य में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस अभ्यास में दो विमान वाहक आईएनएस विक्रमादित्य और स्वदेशी तकनीक से निर्मित आईएनएस विक्रांत के साथ-साथ जहाजों, पनडुब्बियों तथा विमानों के विविध बेड़े के साथ-साथ समुद्री क्षेत्र में भारत की तकनीकी विशेषज्ञता का प्रदर्शन भी शामिल है।

आईएनएस विक्रमादित्य और आईएनएस विक्रांत, सैन्‍य अभ्यास के केंद्र हैं और ये ‘फ्लोटिंग सॉवरेन एयरफ़ील्ड’ के रूप में काम करते हैं, जो मिग-29के फाइटर जेट्स, एमएच60आर, कामोव, सी किंग, चेतक और एएलएच हेलीकॉप्टरों सहित विमानों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए एक लॉन्च प्लेटफॉर्म प्रदान करते हैं।इन ठिकानों को कहीं भी तैनात किया जा सकता है, जिससे मिशन के लचीलेपन में वृद्धि, उभरते खतरों की समय पर प्रतिक्रिया और दुनिया भर में हमारे राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए निरंतर हवाई संचालन किया जा सकता है। इसके अतिरिक्‍त यह हमारे मित्रों को यह आश्वासन देते हैं कि भारतीय नौसेना इस क्षेत्र में हमारी ‘सामूहिक’ सुरक्षा आवश्यकताओं का समर्थन करने में सक्षम और तत्‍पर है।

दो विमान वाहकों के संचालन का सफल प्रदर्शन समुद्री श्रेष्ठता बनाए रखने में समुद्र आधारित वायु शक्ति की महत्वपूर्ण भूमिका के लिए एक शक्तिशाली साक्षी के रूप में कार्य करता है। भारत अपने सुरक्षा तंत्र को सुदृढ रखता है। देश की रक्षा रणनीति को आकार देने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने में विमान वाहक का महत्व सर्वोपरि रहेगा।

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