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संयुक्त कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा में सिचाई विभाग के 228 पदों को शामिल करने के आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन

 

देहरादून, 29 सितम्बर।उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसौनी ने गांधी पार्क स्थित संयुक्त कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा में सिंचाई विभाग के 228 पदों को सम्मिलित किए जाने हेतु चार दिन से आंदोलनरत युवाओं के धरने में शामिल होकर उन्हें अपना समर्थन दिया।

दसौनी ने बताया की संयुक्त कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा में सिचाई विभाग के 228 पदो को सम्मिलित करवाने हेतु तकनीकी छात्र छात्राओं का धरना प्रदर्शन गांधी पार्क में चौथे दिन भी जारी है व छात्रो द्वारा यह निर्णय लिया गया कि यदि सरकार के द्वारा अभी भी उक्त पदो को इस भर्ती परीक्षा में सम्मिलित नहीं किया गया तो 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन से सभी छात्र सामूहिक आमरण अनशन शुरू कर देंगे, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी उत्तराखण्ड सरकार की होगी।
दसोनी ने बताया कि सयुक्त कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षाएं 2015 के उपरांत सात सालो के लंबे इंतजार के बाद 2022 में हुई।
इन भर्ती परीक्षा के लिए अध्याचन सितंबर 2021 में जारी कर दिए गए नवंबर 2021 में विभाग के द्वारा विज्ञप्ति निकाली गई और मई माह में परीक्षाएं कराई गई जिसमें लगभग 22000 छात्र परीक्षा में बैठे और 3000 का चयन हो गया परंतु चयन होने के बावजूद अब छात्रों को पता चल रहा है कि सिंचाई विभाग के 228 पदों को समाप्त करने के बारे में सरकार विचार कर रही है ऐसे में सवाल ये उठता है कि सार्वजनिक मंचों से सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज के द्वारा भर्ती कराए जाने के आश्वासन के बावजूद युवा दर-दर भटकने के लिए मजबूर क्यों है?? दसोनी ने कहा कि प्रदेश के युवाओं को भारतीय जनता पार्टी की सरकार में फुटबॉल बना दिया गया है।
दसोनी ने बताया की डिप्लोमा संघ भी सिंचाई विभाग में मैनपावर की कमी की बात कह चुका है ऐसे में यह पद क्यों समायोजित नहीं किए जा रहे हैं समझ से परे है।
दसोनी को पीड़ित अभ्यर्थियों ने बताया कि वह सतपाल महाराज के वहां से कभी मुख्यमंत्री के पास भेजे जा रहे हैं तो मुख्यमंत्री के वहां से कभी विभागीय सचिव के पास भर्ती परीक्षा में चयनित यह युवा इतना परेशान है कि प्रदेश के 40 जीते हुए विधायकों से समर्थन पत्र तक ला चुके हैं। ऐसे में प्रदेश के युवाओं का सरकार और पूरे सिस्टम से ही भरोसा उठ रहा है ।
दसोनी ने कहा कि महंगाई गरीबी और बेरोजगारी कम करने के वादे के साथ जो प्रचंड बहुमत की सरकार सत्ता पर काबिज हुई आज उसका दायित्व है कि वह युवाओं के भरोसे को कायम करें रखें।

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