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केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में पेटीएम स्केनर को लेकर विवाद हुआ खड़ा

The Badrinath-Kedarnath temple committee has lodged a complaint with the police, requesting an investigation into the installation of boards soliciting donations through QR codes at the temples. Chief spokesperson of Uttarakhand Congress Garima Mehra Dasoni has termed it shameful for Uttarakhand regarding Paytm scanner or QR code in Kedarnath and Badrinath Dham. Dasoni said that the pilgrims are upset due to the chaos in the Chardham Yatra and the government is missing.
–uttarakhandhimalaya.in —
देहरादून, 1 मई।  उत्तराखंड कांग्रेस की मुख्य प्रवक्ता गरिमा मेहरा दसोनी ने केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम में पेटीएम स्केनर या क्यूआर कोड को लेकर इसे त्तराखंड के लिए शर्मसार करने वाला बताया है। दसोनी ने ने कहा की चारधाम यात्रा यात्रा में अव्यवस्थाओं से यात्री परेशान हैं और सरकार गायब है।
दसोनी ने आज यहाँ जारी एक बयान में  कहा कि कपाट खुलने से पहले से ही क्यू आर कोड वहां विद्यमान था यह बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने स्वयं स्वीकार किया है। उन्होंने पूछा कि  ऐसे में क्या बीकेटीसी समिति की कोई जवाबदेही या जिम्मेदारी तय होगी या नहीं ? दसौनी ने कहा की समिति का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि यह किसने लगाया ? दोनों ही सूरतों में बीकेटीसी उत्तराखंड की गुनाहगार है और 80 करोड़ हिंदू सनातन धर्म की आस्था पर कुठाराघात करने के लिए उसे ना सिर्फ क्षमा मांगनी चाहिए, बल्कि अध्यक्ष को अपने पद से तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।
दसोनी ने सवाल किया कि अगर यह क्यूआर कोड बीकेटीसी ने पेटीएम से लगवाया है तो यह सीधे-सीधे श्रद्धालुओं के साथ लूट है और यदि नहीं तो ऐसे में चार धाम यात्रा  को उत्तराखंड सरकार ने जिस बीकेटीसी को सौंप रखा था उसकी जिम्मेदारी थी की वह हर चप्पे पर नजर बनाए रखे, उसकी लापरवाही और कोताही की सजा निश्चित रूप से उसे मिलनी चाहिए।
दसौनी ने कहा कि पूरे प्रकरण में हतप्रभ करने वाली बात यह है कि पुलिस के आला अधिकारी ट्वीट करते हैं कि अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ बीकेटीसी ने एफ आई आर दर्ज कराई है और कुछ ही समय बाद उस ट्वीट को डिलीट कर देते हैं,जबकि पेटीएम कंपनी जिसने qr-code बद्रीनाथ और केदारनाथ में लगाया है खुद स्वीकार कर रही है कि स्कैनर उसने लगाया है ऐसे में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफ आई आर दर्ज कराने का क्या औचित्य है?
 वहीं दूसरी ओर दसौनी ने आरोप लगाया की एक तरफ पर्यटन और धर्मस्व मंत्री छत्तीसगढ़ में है मुख्यमंत्री मुक्तेश्वर थकान मिटा रहे  है स्वास्थ मंत्री धन सिंह रावत को कर्नाटक चुनाव प्रचार से फुर्सत नहीं तो क्या पूरी की पूरी भाजपा की सरकार ने उत्तराखंड में होने वाली चार धाम यात्रा को भगवान भरोसे छोड़ दिया है ??दसौनी ने कहा की क्यूआर कोड प्रकरण का हस्र कहीं अंकिता हत्याकांड जैसा तो नहीं होगा जहां आज 8 महीने बाद यह पता तक नहीं चल पाया है कि बुलडोजर किसने चलाया यह पता चल पाया है कि दो बार आग कैसे लग गई और किसने लगाई और यह पता नहीं चल पाया है कि वीआईपी कौन था दसवानी ने कहा कि qr-code प्रकरण भी उसी विभव हादसे का रिप्लिका दिखाई पड़ता है जहां वैसे ही पूरा का पूरा सरकारी तंत्र जहां एक ओर बीकेटीसी को बचाने में लगा हुआ है वहीं दूसरी ओर चार धाम यात्रा और उत्तराखंड पर लगे भ्रष्टाचार को कौन मिटा पाएगा।

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