राजनीति

उत्तराखण्ड कांग्रेस की मांग, सडकों पर लोगों को पीटने और पिटवाने वाले मंत्रियों को बर्खास्त करो

–uttarakhandhimalaya.in —

देहरादून 3 जून । उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने भाजपा सरकार के मंत्रियों पर सड़कछाप गुण्डागर्दी का अरोप लगाते हुए  राज्यपाल से ऐसे मंत्रियों को मंत्रिमण्डल से बर्खास्त किये जाने की मांग की है।

भाजपा के वरिष्ठ मंत्री गणेश जोशी एवं उनके गुर्गो द्वारा आम आदमी के साथ की गई मारपीट पर तंज कसते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि भाजपा सरकार के मंत्री सत्ता के मद में इतने चूर हो गये हैं कि अब आम जनता से मारपीट व अत्याचार करने पर उतारू हो गये हैं। उन्होंने कहा कि ऋषिकेश विधायक एवं राज्य सरकार में वित्त मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल द्वारा नौजवान की पिटाई का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि मसूरी विधायक एवं सैनिक कल्याणमंत्री गणेश जोशी का मामला प्रकाश में आ गया है।

राज्य सरकार के मंत्रियों द्वारा आम जनता आदमी के साथ की गई मारपीट के मामले में सरकार के मंत्रियों पर हमला बोलते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार के बेलगाम पहलवान छाप मंत्रियों को मुख्यमंत्री धामी ने लगातार बचाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि काबिना मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल द्वारा जनता के साथ मारपीट के मामले में पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की गई होती तो आज दूसरी मारपीट की घटना सामने नहीं आती।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि आज देश में दो कानून काम कर रहे हैं एक भाजपा तथा उसके नेताओं के लिए तथा दूसरे आम जनता व विपक्ष के लिए। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां राज्य की पुलिस भाजपा नेताओं के इशारे पर झूठे मामलों में विपक्षी नेताओं पर गैंगस्टर लगा देती है वहीं सार्वजनिक जीवन जीने वाले तथा जनता की सेवा करने वाले मंत्रियों पर मारपीट जैसे संगीन अपराध करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती है।  उन्होंने कहा कि ऋषिकेश मारपीट मामले में जनता के दबाव तथा माननीय न्यायालय के दखल के बाद राज्य की पुलिस ने मंत्री और उनके गुर्गों पर एफआईआर तो दर्ज की परन्तु उसमें मंत्री के नाम का उल्लेख नहीं किया और अब गणेश जोशी प्रकरण में भी लीपापोती की जायेगी। उन्होंने कहा कि इन दोनों मारपीट के प्रकरणों की उच्च स्तरीय जांच निक्ष्पक्ष जांच ऐजेंसी से कराई जानी क्योंकि राज्य की पुलिस पूरी तरह से सरकार के दबाव में काम कर रही है तथा जांच में पुलिस कितनी निष्पक्ष भूमिका निभाएगी यह देखने वाली बात है क्योंकि भाजपा नेताओं से जुड़े मामलों में उत्तराखंड पुलिस का हमेशा से ढुलमुल रवैया ही रहा है तथा धामी सरकार के दबाव में पुलिस ने भाजपा से जुड़े नेताओं, पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को बचाने का भरपूर प्रयास किया है।

उन्होंने कहा कि भाजपा नेता से जुड़ा होने के चलते अंकिता भण्डारी हत्याकांड में आज तक वीआईपी के नाम का खुलासा नहीं हो पाया है और न ही पुलिस द्वारा अपराधियों का नारको टैस्ट कराया गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं से जुडे होने के कारण अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से लेकर लोक सेवा आयोग भर्ती घोटाले में सफेदपोश का नाम उजागर नहीं हो पाया है। सभी भर्ती घोटालों में हुए भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों में भाजपा के तमाम नेताओं के नाम आने के बावजूद जांच को या तो प्रभावित करने का प्रयास किया गया या उनकी अनदेखी की गई। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी से जुड़े अनुषांगिक संगठनों द्वारा प्रदेश का साम्प्रदायिक माहौल खराब करने की नीयत से मचाये गए उपद्रवो में भी राज्य की पुलिस का रवैया नकारात्मक ही रहा है।

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