क्षेत्रीय समाचार

थराली को वरीयता के आधार पर जिला बनाने की मांग

-रिपोर्ट-हरेंद्र बिष्ट-
थराली, 19 मई। एक बार फिर से थराली को जिला बनाएं जाने की मांग मुखर होने लगी हैं। इसके तहत चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों एवं थराली के अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित एक ज्ञापन भेजा है। जिसमें राज्य में जिलों के पुनर्गठन की स्थिति में थराली को वरीयता के आधार पर जिला बनाएं जाने की मांग करते हुए आंदोलन की चेतावनी दी है।

मुख्यमंत्री को भेजे एक ज्ञापन में कहा गया है कि थराली को जिला बनाएं जाने की मांग को लेकर 1988-89 से थराली क्षेत्र की जनता आंदोलित है। इसके तहत कई बार धरना,जुलूस प्रदर्शन के साथ ही आमरण अनशन तक किए गए।कहा है कि पिंडर घाटी से जिला मुख्यालय गोपेश्वर से 100 से लेकर 150 तक की दूरी हैं।जिसका विपरीत प्रभाव विकास कार्यों पर पड़ रहा हैं।

ज्ञापन में कहा गया हैं कि पिंडर क्षेत्र के थराली, देवाल एवं नारायणबगड़ की विषमभागोलिक परस्थितियों एवं यहा की जनसंख्या को देखते हुए थराली को जिला बनाएं जाने की मांग करते हुए कहा कि जब भी प्रदेश में नएं जिलों का गठन किया जाता है तों थराली को वरियता से जिला बनाएं जाने की मांग की हैं। साथ ही मांग ना मानें जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।

ज्ञापन में राज्य आंदोलनकारी भूपाल सिंह गुसाईं, एडवोकेट जय सिंह बिष्ट,नंदन सिंह रावत, नरेन्द्र कुमार, रमेश थपलियाल, विरेन्द्र नेगी,पूरन पिमोली, महिपाल लाल, महिपाल नेगी,विक्रम रावत, आनंद सिंह रावत, हरपाल सिंह फर्स्वाण, हरेंद्र नेगी, देवेंद्र नेगी, देवेंद्र सिंह रावत, हिम्मत सिंह रावल,हरिशरण शर्मा आदि ने ज्ञापन भेजा है।

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