रानीगढ़ क्षेत्र की अराध्य देवराड़ी देवी 12 वर्ष बाद पहुंचीअपने ननिहाल पाडुली गांव
गौचर, 9 दिसंबर (गुसाईं) । रानी गढ़ क्षेत्र की अराध्य देवराड़ी देवी बारह वर्ष बाद सोमवार को रात्रि प्रवास के लिए अपने ननिहाल पाडुली गांव पहुंचने पर ग्रामीणों ने अपनी आराध्य देवी का पुष्प अक्षत से भव्य स्वागत किया।
रानी गढ़ क्षेत्र की आराध्य देवराड़ी देवी का मूल मंदिर देवल गांव में है। 4 दिसंबर को देवराड़ी देवी छः माह के भ्रमण के लिए मूल मंदिर से बाहर निकल गई है। कांडई गांव देवी के ससुराली तथा पाडुली गांव देवी का ननिहाल माना जाता है। भ्रमण के पांचवें दिन देवी रात्रि प्रवास के लिए अपने ससुराल कांडई गांव पहुंची थी। जहां ग्राम वासियों ने देवी का भव्य स्वागत कर पूजा अर्चना कर आशीर्वाद ग्रहण किया।
सोमवार को देवी रात्रि प्रवास के लिए जैसे ही अपने ननिहाल की सीमा में पहंची तो पहले मौजूद पाडुली गांव वासियों ने गाजे बाजे व पुष्प अक्षत के साथ अपनी आराध्य देवी का गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके पश्चात देवी ने घर घर जाकर लोगों को आशिर्वाद दिया। भ्रमण के दौरान उनके साथ उनके गण के रूप में लाटू देवता ,हीत देवता,शिमलाश देवता के पश्वा, देव नर्तकी ऐर्वाले साथ चल रहे हैं।
इस मौके पर महिला मंगल द्वारा मांगल गीतों से देवराडी देवी का स्वागत किया गया। इस अवसर पर कैप्टन राजेन्द्र सिंह राणा, गगासिंह राणा, रुप चन्द्र सिंह राणा, राकेश राणा, महेन्द्र राणा,उमेदसिंह राणा, कुंवर सिंह राणा , पूरण सिंह, गजेन्द्र राणा, समेत बड़ी संख्या में महिला पुरुष मौजूद रहे।