पोखरी के रौता गांव में पांडव नृत्य की धूम, पांडवों ने गंगा स्नान के बाद किये कार्तिक स्वामी के दर्शन
पोखरी, 13 दिसंबर (राणा)। विकास खण्ड के तहत रौता गांव में आजकल पांडव नृत्य लीला कमेटी द्बारा गाव और क्षेत्र की खुशहाली सम्पन्नता रिद्बि सिद्बि के लिए विगत 28 दिसम्बर से पांडव नृत्य लीला का मंचन किया जा रहा है । बड़ी संख्या में धियाडिया रिश्तेदार नौकरी पेशा लोग और अप्रवासी लीला देखने के लिए गांव में पहुंच रखे हैं।
रौता गांव में आजकल बड़ी चहल पहल है गांव की रौनक देखते ही बन रही हैं । रांसो और ढोल दमाओ की थाप पर पांडव देवता अपने अपने पशवाओ पर अवतरित होकर नृत्य कर रहे हैं ।बड़ी संख्या में आस पास के गांवों और क्षेत्र से लोग पांडव नृत्य लीला को देखने के लिए पहुंच रहे हैं तथा लीला का आनंद ले रहे हैं ।
15 वे दिन पांडव देवता अपने अस्त्र शस्त्रो के साथ गंगा स्नान के लिए रुद्रप्रयाग संगम पर पहुंचे तथा गंगा स्नान के बाद रौता गांव में स्थित कार्तिक स्वामी मंदिर में दर्शन करने के लिए पहुंचे दर्शन करने के बाद पांडव चौक में पहुंच कर नृत्य करने लगे इस दौरान बड़ी संख्या में धियानियां, रिश्तेदार, नौकरी पेशा लोग, अप्रवासी तथा आस पास के गांवों के लोग पांडव देवताओं के साथ रुद्रप्रयाग संगम पहुंचे तथा पांडव देवताओं को भेंट चढ़ाकर उनसे मनौतियां माग कर पुण्य अर्जित किया ।
पांडव नृत्य कमेटी के अध्यक्ष और प्रधान बीरेंद्र राणा ने बताया कि 14 को गैंडा कौथीग का तथा 15 दिसम्बर को चक्रब्यू का मंचन किया जायेगा इसके पश्चात 18 दिसम्बर को पूर्णाहूति के पांडव नृत्य लीला का समापन होगा ।
पांडव नृत्य में युधिष्ठिर सुधीर पर ,भीम सुरेन्द्र सिंह , अर्जुन राजबर सिंह ,नकुल महावीर , सहदेव कुंवर सिंह ,द्रोपदी कैलाश सिंह , कृष्णा जयपाल सिंह ,हनुमान महिपाल सिंह पशवाओ पर अवतरित हो रहे हैं।लीला कमेटी के अध्यक्ष बीरेंद्र सिंह राणा ने सभी क्षेत्रवासियो और भक्तों का आहवान किया कि अधिक से अधिक संख्या में इस धार्मिक आयोजन में पहुंच कर पांडव नृत्य का आनंद लें तथा पांडव देवताओं के दर्शन कर पुण्य के भागी बनें ।
इस अवसर पर पांडव नृत्य लीला कमेठी के अध्यक्ष बीरेंद्र सिंह राणा ,सते सिंह पंवार , राकेश सिंह , दिनेश सिंह ,प्रदीप सिंह ,कुंवर सिंह ,दीपक सिंह ,सुशील सिंह ,प्रवीण सिंह , नरेन्द्र सिंह , ,जयदीप सिंह नेगी सहित सहित तमाम ग्रामीण और लीला कमेठी के सदस्य मौजूद थे । फोटो सलंग्न