पर्यावरणब्लॉग

समुद्री गायों के अस्तित्व पर संकट ; घट रही है इस जीव की संख्या

Manatees look a bit like walruses or chunky porpoises and are sometimes referred to as sea cows, but they’re actually much more closely related to elephants.Sirenians, proboscideans (which includes elephants, mastodons and woolly mammoths) and embrithopods (an extinct group of animals that looked a bit like rhinos, though they aren’t close relatives) are all thought to have descended from a common ancestor. Together these groups belong to another group called Tethytheria.
By- Usha Rawat

भारतीय वन्‍यजीव संस्‍थान देहरादून द्वारा कराए गए सर्वेक्षण के अनुसार, देश में डूगोंग (समुद्री गाय) की संख्‍या दो क्षेत्रों अर्थात्‍ गुजरात और तमिलनाडु में कम हो रही है। तथापि, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में डूगोंग की संख्‍या स्थिर है। अवैज्ञानिक रूप से मछली पकड़ने की पद्धति, प्रदूषण, पर्यावास अवक्रमण, शिकार इत्‍यादि के कारण समुद्री गाय की संख्‍या में कमी आई है।

द इंटरनेशनल यूनियन फॉर कन्‍जर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) ने पूरे विश्‍व में डूगोंग की संख्‍या को ‘असुरक्षित’ के रूप में घोषित कर दिया है।

समुद्री जीवों सहित देश में वन्‍य जीवों के पर्यावासों की सुरक्षा हेतु सरकार द्वारा उठाए गए कदम निम्‍निलिखित है:

1. केन्‍द्रीय प्रायोजित स्‍कीमों ‘वन्‍यजीव पर्यावासों का एकीकृत विकास’ के अंतर्गत प्रजातियों से संबंधित पर्यावासों में रिकवरी कार्यक्रमों को प्रारम्‍भ करने के लिए 16 चुनिंदा प्रजातियों में से एक के रूप में डूगोंग की अभिज्ञात किया गया है। ”अत्‍यधिक संकटापन्‍न प्रजातियों की रिकवरी” घटक के अंतर्गत संघ शासित क्षेत्र अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह सरकार को वि‍त्‍तीय और तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है।

2. वन्‍यजीव ( संरक्षण) अधिनियम, 1972 के उपबंधों के अंतर्गत वन्‍य पशुओं को शिकार और वाणिज्यिक शोषण के विरुद्ध विधिक सुरक्षा दी गई है। संरक्षण और खतरें की स्थिति के अनुसार, वन्‍यजीवों को अधिनियम की विभिन्‍न अनुसूचियों में रखा जाता है। डूगोंग को अधिनियम की अनुसू‍ची-1 में शामिल किया गया है जो अधिनियम के अंतर्गत इन्‍हें सुरक्षा की उच्‍चतम श्रेणी प्रदान करता है।

3. वन्‍यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में उसके उपबंधों का अतिक्रमण करने के अपराध के दंड का प्रावधान है। वन्‍यजीव अपराध (अपराध) हेतु प्रयोग में लाए गए किसी उपस्‍कर , वाहन अथवा हथियार को जब्‍त करने का भी प्रावधान है।

4. वन्‍यजीवों और उनके पर्यावासों की सुरक्षा के लिए वन्‍यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के उपबंधों के अंतर्गत देश भर में महत्‍वपूर्ण पर्यावासों को शामिल करते हुए सुरक्षित क्षेत्र अर्थात राष्‍ट्रीय उद्यान, अभयारण्‍य, संरक्षण रिजर्व और सामुदायिक रिजर्व सृजित किये गये है।

5. वन्‍यजीवों के अवैध शिकार और वन्‍यजीवों और उनके उत्‍पादों के अवैध व्‍यापार पर नियंत्रण संबंधी कानून के प्रवर्तन के सुदृढ़ीकरण हेतु वन्‍यजीव अपराध नियंत्रण ब्‍यूरो की स्‍थापना की गयी है।

6. वन्‍यजीव अपराधियों को पकड़ने और उनपर मुकदमा चलाने के लिए वन्‍यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अंतर्गत केन्‍द्रीय जांच ब्‍यूरो (सीबीआई) को अधिकार दिये गये हैं।

7. संरक्षित क्षेत्रों के अंदर और उनके आस-पास फील्‍ड फार्मेशन्‍स को सुदृढ़ बनाने और गहन रूप से गश्‍त लगाने के लिए राज्‍य/संघ शासित प्रदेश सरकारों से अनुरोध किया गया है

8. राज्‍यों के वन्‍य और वन्‍यजीव विभागों के अधिकायिों द्वारा कड़ी निगरानी रखी जाती है।

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