मेले के समापन के बाद भी गौचर में मेले कि रौनक जारी
-गौचर, से दिगपाल गुसाईं –
प्रशासन की ओर से भले ही गौचर मेले का समापन बीस नवंबर को हो गया हो लेकिन आज भी मेले जैसे हालात बने हुए हैं। लोगों द्वारा जमकर खरीदारी करने से दुकानदारों के हौसले भी बुलंद हैं।
राजकीय औद्योगिक विकास एवं सांस्कृतिक मेले का विधिवत समापन बीस नवंबर को हो गया है। लेकिन खरीददारों की भीड़ को देखते हुए मेला मैदान में दुकानदार जमें हुए हैं। शुक्रवार को भी लोगों ने जमकर खरीददारी की। स्वय सहायता समूह के स्टालों पर पहाड़ी उत्पादों को लोगों द्वारा खूब खरीदा जा रहा है।
नियंता स्वयं सहायता समूह भीमतला एवं मा राज-राजेश्वरी स्वयं सहायता समूह पुणकिला मलारी की अध्यक्ष अनीता राणा व सरस्वती देवी तथा बचन सिंह राणा ने बताया कि हमारे समूह द्वारा हाथ से बुने वास्केट,दोखा, टोपी, स्वेटर लगभग सात लाख रुपये तक का सामन बेचा गया है। इससे हमारे समूह को अच्छा लाभ प्राप्त हुआ है।
अजय किशोर भंडारी देवेन्द्र चौहान प्रकाश चौधरी ने कहा कि हमने स्थानीय वस्तुओं को बढ़ावा देने के लिए हाथ से बनाए गए दोखे खरीदकर परंपरागत रिति रिवाज को बढ़ावा दिया है। वहीं मुरादाबाद से आए व्यापारी तोसिम खान ने कहा कि हम लोग 1998 से इस मेले में लगातार व्यापार करने आ रहे हैं। लेकिन हर वर्ष किराया बढ़ाने से उन्हें भी सामान के दामों में इजाफा करना पड़ रहा है।
उन्होंने प्रशासन से अनुरोध किया कि हमें दो तीन दिन यहां अतिरिक्त दिया जाय। इस बार महंगाई की मार और मेला फीका रहने से हमें काफी नुकसान हुआ है।