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पुष्पदंत भगवान के मोक्ष-कल्याणक महोत्सव पर  लाडू समर्पित

 

उत्तम सत्य धर्म: मेडिकल कॉलेज के स्टुडेंट्सटीएमयू ने अब तक शांतिधारा की लगाई 1.11 लाख की सर्वाधिक बोली

–प्रो0 श्याम सुन्दर भाटिया–
रिद्धि-सिद्धि भवन में मुनि श्री 108 प्रणम्यसागर जी महाराज की ओर से रचित भगवान पुष्पदंत के मोक्ष कल्याणक महोत्सव पर वर्धमान स्रोत का विधान हुआ। साथ ही निर्वाण लाडू समर्पित किया गया। सुरीश्वर जी महाराज ने विधान के श्लोकों का उच्चारण करवाया, जबकि सम्मेद शिखर से आए प्रतिष्ठाचार्य श्री ऋषभ जैन ने विधान को विधिपूर्वक संपन्न कराया। चार भव्य कलशों की स्थापना प्रतिष्ठाचार्य ने करवाई।

महाराज जी के हाथों से कलश पर स्वस्ति बनवाया गया। यन्त्र औऱ जिनवानी स्थापना के साथ दीप भी प्रज्जवलित किया गया। पुष्पदंत भगवान के मोक्ष कल्याणक लाडू समर्पित करने की बोली मेडिकल की छात्रा प्रतिभा बतना ने ली थी। प्रतिष्ठाचार्य ने विधिवत विनय पाठ, समुच्य पूजन, श्री पुष्पदंत जिन पूजन, वर्धमान जिन पूजन, निर्वाण काण्ड, पूजा प्रतिज्ञा पाठ, सोलहकारण पूजन, पंचमेरू पूजन औऱ दसलक्षण पूजन कराया । उत्तम सत्य धर्म पर रिद्धि-सिद्धि भवन में हुए पूजन में कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन, श्रीमती ऋचा जैन के संग-संग मुरादाबाद दिगम्बर समाज के अध्यक्ष अनिल जैन, श्रीमती रजनी जैन, श्री मुकुल जैन, श्रीमती अर्चना जैन आदि की भी उल्लेखनीय उपस्थिति रही।


बेस्ट परफ़ॉर्मर ऑफ़ द डे का ख़िताब प्रेरणा पांडे को मिला
सांस्कृतिक कार्यक्रम में फार्मेसी के स्टुडेंट्स ने पवित्र अंतर्यात्रा आरम्भोत्सव की थीम पर नाटक में स्टुडेंट्स ने खूब वाहवाही लूटी। करीब 25 मिनट के इस प्ले के माध्यम से यह संदेश दिया गया, लोभ पाप का बाप है। आत्मा की शुद्धि के लिए पवित्र विचारों को अपनाकर जीवन की उच्चतम अच्छाई- मोक्ष को प्राप्त कर सकते हैं। नाटक में चोर को जीवन के सबसे बड़े सत्य के बारे में पता चलता है। अंत में वह महाराजश्री के शरण में जाकर मोक्ष को प्राप्त करता है। नाटक के किरदारों में चोर के रोल में शैलदीप सिंह, सेठ- अभिषेक पांडे, महाराजश्री-निर्मल, वैद्य- चेतन शर्मा और चोर की पत्नी- नरेंद्र, चोर की माता- प्रेरणा पांडे आदि स्टुडेंट्स ने परफॉर्म किया। बेस्ट परफ़ॉर्मर ऑफ़ द डे का ख़िताब प्रेरणा पांडे को मिला। दूसरे स्थान पर शैलदीप सिंह जबकि तीसरे पर निर्मल रहे। इससे पूर्व माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्जवलन किया गया, जिसमें कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, फर्स्ट लेडी श्रीमती वीना जैन, जीवीसी श्री मनीष जैन, श्रीमती ऋचा जैन के अलावा फार्मेसी के प्रिंसिपल प्रो. अनुराग वर्मा, प्रो. विपिन जैन, श्री विपिन जैन, श्री नवनीत कुमार, डॉ. विनोद जैन, डॉ. रत्नेश जैन आदि मौजूद रहे। कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी से कॉऑर्डिनेटर्स श्री आशीष सिंघई, श्री अरिंजय जैन के अलावा डॉ. अनुराधा पवार औऱ डॉ. गीतांजलि सैनी आदि की उपस्थिति रही। निर्णायक मंडल में श्रीमती निधि जैन और श्रीमती शिखा जैन शामिल रहीं। सांस्कृतिक संध्या का शुभारम्भ मंगलाचरण से हुआ, इसमें दिव्यांशा मिश्रा, प्रेरणा पांडे, रिया, अदिति गुप्ता, नंदिनी, प्रगुन और एनिस ने भाग लिया। इसके बाद डी.फार्म की अंशु और सोनम ने भक्ति गीत गाकर ऑडी में बैठे सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी के स्टुडेंट्स का जलवा ही जलवा
डुएट परफॉरमेंस में छात्र-छात्राओं ने अपना हुनर दिखाया। इसमें एक ओर मयंक पाल और दिव्यांशा मिश्रा की जोड़ी ने भक्ति गीतों पर नृत्य की मनमोहिनी प्रस्तुति दीं, वहीं दूसरी तरफ फार्म.डी के प्रेरणा पांडे औऱ प्रगुन ने तांडव नृत्य करके खूब नाम कमाया। बी.फार्मा के स्टुडेंट्स ने डांस परफॉरमेंस देकर देशप्रेम की अलख जगा दी। इसमें बी.फार्मा थर्ड ईयर के मोनिश अली, मानव रुहेला, नीलेश कुमार, रजत चौधरी, मोहम्मद वसीम, आकाश बाबु, निजामुद्दीन, सौरव कुमार, जतिन सैनी, उपेंद्र शर्मा औऱ एम.फार्मा सेकंड ईयर के सिद्धांत त्यागी आदि ने भाग लिया। इसमें छात्रों ने पिरामिड फार्मेशन करके देशप्रेम जताया। इन परफॉरमेंस के प्रबंधन में आदर्श केसरी, कृति जैन, अमित कुमार, अलीना आदि की उल्लेखनीय भूमिका रही। कार्यक्रम में बतौर अतिथि उपस्थित श्रीमती निधि जैन ने ऑडी में मौजूद छात्रों से कुछ सवालात किए औऱ छात्रों को पुरस्कृत भी किया। श्रीमती ऋचा जैन ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। अंत में प्रो. अनुराग वर्मा ने सभी को धन्यवाद प्रेषित किया। इससे पूर्व दिव्यघोष के बीच कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी के प्रिंसिपल प्रो. अनुराग वर्मा अन्य फैकल्टी मेंबर्स औऱ स्टुडेंट्स के साथ आरती को जिनालय से रिद्धि-सिद्धि भवन में विराजमान कराया। आरती औऱ भक्ति के पश्चात भक्ताम्बर पाठ हुआ।

 

क्रोध, मान, माया औऱ लोभ हैं चार कषाय; सुरीश्वर जी महाराज
जैनाचार्य श्रीमद् विजय धर्मधुरंधर सुरीश्वर जी महाराज ने ऑडी में अपने प्रवचन में कहा, क्रोध, मान, माया औऱ लोभ ये चार कषाय हैं। महाराज जी ने कहा, यदि बुरे कर्मों से बचना है तो कषाय से बचो। यदि आत्मा से पवित्र रहना है तो लोभ से बचो। गुरुदेव जी ने आगे कहा, चारों गतियों से बचना है तो कषाय छोड़ दो। कहानी के माध्यम से सुरीश्वर जी महाराज ने क्रोध न करने का संदेश दिया। लोभ एक ऐसी कषाय है जो सभी गुणों को नष्ट कर देती है। अभिमान के बारे में बताते हुए कहा, अभिमान वह है जो झुकना नहीं चाहता अपितु झुकाना चाहता है। माया के बारे में कहा, मन में कुछ, बोली में कुछ औऱ काया में कुछ विद्यमान होता है। भोपाल से आई रजनीश जैन एंड पार्टी ने जबसे प्रभु दर्शन मिला, मन है मेरा खिला खिला…, चली चली फिर हवा चली जैन भक्त की हवा चली…, मस्ती में झूमे नाचे विद्यासागर जी महाराज तेरे दीवाने आए हैं…, झूम रही धरती, झूम रहा आसमां…, ढोल बाजे, ढोल बाजे, कि ढमढम बाजे ढोल…, आदि भजनों पर श्रावक श्राविकाएं को जमकर थिरकने पर मजबूर कर दिया। प्रथम स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य फार्मा डी के डॉ. गौरव जैन को मिला, द्वितीय स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य अनिकेत जैन, तृतीय स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य विशाखा जैन जबकि चतुर्थ स्वर्ण कलश से अभिषेक करने का सौभाग्य संकल्प जैन को प्राप्त हुआ। प्रथम शांतिधारा करने का सौभाग्य मेडिकल के छात्रों को मिला। अभी तक की सर्वोच्च 1.11 लाख की बोली लेकर छात्रों ने सौभाग्य प्राप्त किया। द्वितीय शांतिधारा करने का सौभाग्य डॉ. अश्विनी जैन को मिला। सम्मेद शिखर से आए पंडित ऋषभ जैन ने कहा, श्रावक-श्राविकाएं उत्तम सत्य धर्म के दिन झूठ न बोलें, जबकि ऑडी में प्रतिष्ठाचार्य जी बोले, लोभ का मतलब होता है, जिसके मन में किसी के प्रति राग होता है, उसे लोभ कहते हैं।

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