रिखणीखाल प्रखंड में गुलदारों की गश्त बढ़ी, एक साथ 3 खूंखार गांव में आ धमके
—रिखणीखाल से प्रभूपाल—
रिखणीखाल प्रखंड के सीमांत गांवों में बाघ व गुलदार ने गश्त बढ़ानी तेज कर दी है। ग्रामीण शोर मचा कर खूंखारों को भगा रहे हैँ।
वन पंचायत सरपंच द्वारी विनोद मैन्दोला के हवाले से खबर आयी है कि गुलदार ने द्वारी,नावेतल्ली,तोल्योडाडा आदि गाँवो में अपनी रोज़मर्रा गश्त बढानी तेज कर दी है।उन्होने बताया कि विगत रात्रि 11 बजे के आसपास तीन बाघ व गुलदार अचानक द्वारी गाँव में आ धमके,बामुश्किल हो हल्ला व शोर मचाने पर भागने को मजबूर होना पड़ा।जैसे ही गांव वासी सोने की तैयारी में थे व कुछ लोग सो भी गये थे गाँव में गुलदार को देखकर शोर शराबा होने लगा।कयी लोग अर्द्ध निद्रा में बाहर निकले,वे समझ नहीं पाये कि ये हल्ला क्यों हो रहा है।
इसी प्रकार ग्राम नावेतल्ली,तोलियोडाडा आदि के निकटवर्ती गांवों में भी गुलदार ने अपना भ्रमण कार्यक्रम में तेजी ला दी है।लोगों का जीना दुश्वार हो गया है।रोज़मर्रा के कार्य नहीं हो पा रहे हैं।पालतू पशु भी घबराये हुए हैं।उनको भी आभास हो गया है कि अब दिन नजदीक है।अब कुछ ही दिनों बाद गांवों में शादी-विवाह का दौर शुरू हो रहा है,ऐसी हालत में भीड़तंत्र का होना आवश्यक है।गाँव में खतरा बरकरार बना हुआ है।
रिखणीखाल में जो पिंजरे लगे हुए है,उसमें भी बाघ के फंसने की दूर दूर तक सम्भावना नजर नहीं आ रही है।स्थानीय जनता को बाघ रोज दिखाई दे रहा है लेकिन वन विभाग को कहीं नजर नहीं आ रहा है।लगता है वन विभाग में इच्छाशक्ति का अभाव है।यदि इसका जिम्मा उत्तराखंड पुलिस को दे दिया जाये तो शीघ्र सकारात्मक परिणाम दिखाई देगें।ऐसी उम्मीद जताई जा रही है।