मनीष खंडूड़ी कांग्रेस छोड़ कर लौटे भाजपा में अपने कुनबे के पास
-राजेंद्र शिवाली-
कोटद्वार, 9 मार्च। काफी समय से लग रही अटकलों को सही साबित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल (से नि) भुवन चंद्र खंडूड़ी के पुत्र मनीष खंडूड़ी ने कांग्रेस से पल्ला झाड़ ही दिया। वह पिछले लोक सभा चुनाव में पौड़ी से कांग्रेस के प्रत्याशी थे और इस बार उन्हे कांग्रेस से टिकट मिलने की संभावना नहीं थी। मनीष खंडूरी के पिता जर्नल खंडूड़ी के अलावा बाकी परिजन कभी कांग्रेस में ही होते थे जो कि एक- एक कर भाजपा में जाते रहे।
मनीष के पिता मेजर जनरल (से नि) भाजपा के बड़े नेता रहे तथा भाजपा में रहते हुए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री भी रहे। मनीष की बहन ऋतु खंडूरी इस समय विधानसभा अध्यक्ष हैं । यही नहीं विजय बहुगुणा जैसे करीबी रिश्तेदार भी भाजपा में हैं । इसलिए काफी पहले से मनीष के भाजपा में जाने की अटकलें लग रहीं थी। इन्ही अटकलों के चलते उनको इस बार कांग्रेस का टिकट मिलने की संभावना क्षीण थी।
इससे पहले गत माह कोटद्वार विधानसभा सीट से विधायक रहे पूर्व विधायक एवं पूर्व ब्लाक प्रमुख शैलेन्द्र रावत के कांग्रेस छोड़ भाजपा में घर वापसी कर गये थे।
लोकसभा चुनाव होने वाले है, जिसको लेकर सभी राजनैतिक दलों में तैयारियां जोरों सें चल रही हैं। एक तरफ भाजपा ने अपनी उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस में अभी भी मंथन का दौर जारी है।इसी बीच आज कांग्रेस सें भी एक बड़ी खबर सामने आयी है। पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद खंडूरी के बेटे मनीष खंडूरी ने कांग्रेस से अलविदा कर दिया है। यह बात उन्होंने आज अपने सोशल मीडिया अकाउंट में पोस्ट डालकर कही है।
जानकारों के अनुसार मनीष खंडूड़ी को अहसास हो गया था कि इस बार कांग्रेस उनकी जगह गणेश गोदियाल को पौड़ी लोक सभा सीट पर उतार रही है। मनीष पर उनके परिवार और रिश्तेदारों का दबाव बढ़ता जा रहा था। उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया था ।
वर्तमान में मनीष की बहन ऋतु खंडूरी भाजपा में हैँ। पिता भुवन चंद्र खंडूड़ी सदैव भाजपा में रहे। भुवन चंद्र खंडूड़ी के ममेरे भाई विजय बहुगुणा और ममेरी बहन भी कांग्रेस छोड़ कर भाजपाई बने हैँ। विजय बहुगुणा के पुत्र सौरभ बहुगुणा वर्तमान में धामी सरकार में मंत्री हैँ जनरल खंडूडी के मामा और विजय बहुगुणा के पिता हेमवती नंदन बहुगुणा भी कभी वरिष्ठ कोंग्रेसी ही थे और उत्तर प्रदेश में कॉंग्रेसी मुख्यमंत्री रहे। इसलिए मनीष खंडूड़ी के भाजपा में जाने पर किसी को अचरज नहीं हुआ। उनकी असली घर वापसी की अटकालें काफी पहले से लग रहीं थिन।