आयोग की हिदायद के बाद भी नहीं दे रहे सूचना रिखणीखाल के अधिकारी
–रिखणीखाल से प्रभूपाल रावत –
जनपद पौड़ी गढ़वाल के रिखणीखाल विकास खंड के लोक सूचना अधिकारियों ने उत्तराखंड सूचना आयोग की सख्त हिदायत व फटकार के बाद भी अपीलकर्ता के द्वारा सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के माध्यम से सूचना देने में सूचना आयुक्त के आदेश की अवहेलना कर रहे हैँ।
अपीलकर्ता मंगत सिंह रमोला बनाम लोक सूचना अधिकारी/ खंड विकास अधिकारी रिखणीखाल,लोक सूचना अधिकारी ग्राम विकास अधिकारी रिखणीखाल एवं ग्राम पंचायत विकास अधिकारी रिखणीखाल के वाद संख्या 34881 की सुनवाई दिनांक 13/10/2022 को राज्य सूचना आयुक्त माननीय विवेक शर्मा के समक्ष नियत समय पर हुई।जिसमें रिखणीखाल विकास खंड के खंड विकास अधिकारी,सहायक विकास अधिकारी पंचायत,ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी सहित कुल मिलाकर 12 लोक सूचना अधिकारी हाजिर हुए।
आधा घंटे के तर्क वितर्क व सवाल-जवाब के बाद सूचना आयुक्त ने कहा कि अपीलकर्ता को एक साल गुजरने के बाद भी कोई सूचना का जवाब नहीं दिया गया।आयोग ने माना कि घोर वित्तीय अनियमितताओं व भ्रष्टाचार के कारण ही सूचना का जवाब नहीं दिया होगा।आयोग ने पूछा कि अब कब तक कितने दिन बाद मांगी गई सूचना का जवाब अपीलकर्ता व आयोग को दोगे? खंड विकास अधिकारी रिखणीखाल व उनके साथ गये सभी लोक सूचना अधिकारियों ने एक स्वर में कहा कि हम 15 दिन के भीतर याने कि 27/10/2022 तक स्पीड पोस्ट व रजिस्टर्ड डाक से निशुल्क देने को राजी हुए।
आज 15 दिन व्यतीत होने के बाद भी अपीलकर्ता को कोई भी सूचना नहीं दी गई।आयोग ने ये आदेश मौखिक तौर पर दिये थे,और कहा कि आदेश की प्रति दोनों पक्षो को डाक से भेजेंगे,लेकिन अभी तक किसी भी पक्ष को आयोग से आदेश की प्रति जारी नहीं हुई।
अब अपीलकर्ता मंगत सिंह रमोला का कहना है कि वे शीघ्र ही इस अपील को केन्द्रीय सूचना आयोग,दिल्ली को पुनर्अपील भेजने की तैयारी में हैं।उनका ये भी कहना है कि आम लोगों का राज्य सूचना आयोग से भी विश्वास हटता जा रहा है जहाँ एक साल से ज्यादा समय बीतने के बाद भी कार्रवाई में शिथिलता बरती जा रही है।