पर्यावरण

दिल्ली में रॉयल बंगाल बाघिन ने शावकों को जन्म दिया; जिनमें से दो शावक जीवित

After January 16, 2005, Royal Bengal Tigress delivered cubs at National Zoological Park, New Delhi. The Royal Bengal Tigress (RBT) Siddhi delivered five cubs, two alive and three stillborn on 04.05.2023. At present both cubs are attended by the mother and completely dependent on the mother for feed and are doing well. The mother tigress and her cubs are being kept under the surveillance of CCTV Cameras and regularly monitored by the zoo staff.

—uttarakhandhimalaya.in —-

नयी दिल्ली, 16  मई।  राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, नई दिल्ली में रॉयल बंगाल बाघिन ने 16 जनवरी, 2005 के बाद पहली बार शावकों को जन्म दिया है। रॉयल बंगाल बाघिन (आरबीटी) सिद्धि ने 04.05.2023 को पांच शावकों को जन्म दिया, जिनमें से दो शावक जीवित और तीन मृत पैदा हुए थे। वर्तमान समय में दोनों शावक अपनी मां के संरक्षण में है और पूरी तरह से भोजन के लिए अपनी मां पर निर्भर हैं और अच्छी अवस्था में हैं। मां बाघिन और उसके शावकों पर सीसीटीवी कैमरों द्वारा नजर रखी जा रही है और चिड़ियाघर के कर्मचारी उनकी नियमित रूप से निगरानी कर रहे हैं।

राष्ट्रीय प्राणी उद्यान, नई दिल्ली में चार वयस्क रॉयल बंगाल बाघिन हैं और इन बाघिनों का नाम किरण, सिद्धि, अदिति और बरखा है। बाघिन सिद्धि और अदिति जंगली मूल की हैं, जिन्हें गोरेवाड़ा, नागपुर से लाया गया था।

राष्ट्रीय प्राणी उद्यान (दिल्ली चिड़ियाघर) का उद्घाटन 01 नवंबर, 1959 को हुआ और अपने उद्घाटन के बाद से वह बाघों का आवास है। 14 मई 1969 को जूनागढ़ चिड़ियाघर से बाघ शावकों के एक जोड़े के बदले शेर का पहला जोड़ा भी प्राप्त हुआ था। बाघों का अधिग्रहण करने के समय से ही दिल्ली चिड़ियाघर द्वारा उनका संरक्षण और प्रदर्शन करने के लिए उनका रखरखाव किया जा रहा है। बाघों द्वारा दिल्ली चिड़ियाघर में ठीक प्रकार से प्रजनन किया जा रहा है और उनका देश-विदेश के कई चिड़ियाघरों में आदान-प्रदान भी किया गया है। 2010 में, केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने गंभीर रूप से लुप्तप्राय हो चुके जंगली जानवरों की प्रजातियों का समन्वित नियोजित संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम की शुरूआत की थी क्योंकि यह राष्ट्रीय चिड़ियाघर नीति, 1998 के मुख्य उद्देश्यों में शामिल है।

इस समन्वित नियोजित संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम के लिए गंभीर रूप से लुप्तप्राय 73 जंगली जानवरों की प्रजातियों का चयन किया गया और प्रत्येक प्रजाति का समन्वय करने में शामिल चिड़ियाघरों की पहचान की गई। इस राष्ट्रीय समन्वित नियोजित संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम के अंतर्गत, दिल्ली चिड़ियाघर को बाघों का संरक्षण करने में शामिल एक चिड़ियाघर के रूप में पहचान की गई। इस चिड़ियाघर में रहने वाले बाघों की आबादी के बीच आनुवंशिक हेट्रोजाइगोसिटी स्थापित करने के लिए, पशु विनिमय कार्यक्रम की भी शुरुआत की गई। वर्तमान समय में, बाघों का अधिग्रहण भी बाघों की आनुवंशिक स्वस्थ आबादी को पुन: स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय समन्वित नियोजित संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम का एक हिस्सा है।

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