गौचर मेले की दूसरी सांस्कृतिक संध्या मीना राणा और राजस्थान के कलाकारों के नम रही
-गौचर से दिगपाल गुसाईं –
गौचर मेले की दूसरी सांस्कृतिक संध्या लोक गायिका मीना राणा व राजस्थान के लोक कलाकारों के नाम रही।इन कलाकारों के आयो रे शुभ दिन आयो व भग्यानी बौ गानो ने शमा बांधा।
मेले की दूसरी सांस्कृतिक संध्या पर राजस्थान के कलाकारों ने अपने कार्यक्रम की शुरुआत जब आयो रे शुभ दिन आयो गाने से की तो दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। उनके चेरी नृत्य को भी खूब पसंद किया गया। इसके बाद उन्होंने अपनी भाषा व संस्कृति पर आधारित विभिन्न कार्यक्रमो की प्रस्तुति दी।
हालांकि इन प्रस्तुतियों के बोल दर्शकों के समझ से बाहर रहे हों लेकिन उनकी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को ताली बजाने पर मजबूर तो किया ही है। इसके बाद लोक गायिका मीना राणा ने मंच संभाला तो दर्शकों ने तालियों की गड़गड़ाहट से उनका स्वागत किया। उन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरुआत ,हम छौं उत्तराखंडी,नृत्य से की।
इसके बाद उनके कलाकारों ने ,मि छौं बांद गढ़वाल की ,गाने पर नृत्य प्रस्तुत किया तो दर्शक दीर्घा झूम उठी।पदम सिंह गुसाईं ने जब भग्यानी बौ गाना सुनाया तो लोगों ने तालियों से उनकी हौसला अफजाई की। इसके पश्चात जीतेंद्र पंवार ने पलायन पर आधारित सुख का बाना घर छोड़ी बौण छोड़ी, गाने को भी खूब पसंद किया गया। इससे पूर्व गोकुल बिष्ट द्वारा कुमाऊनी गाना ओ भिना कस्क जानू द्वारहाट,भी दर्शकों को पसंद आया।
पिंडर घाटी बहुउद्देशीय विकास एवं संस्कृति दल ने पांडव नृत्य की शानदार प्रस्तुति से लोगों का खूब मनोरंजन किया। इससे पहले नीति घाटी सांस्कृतिक कला मंच, मृणाल रतूड़ी ने भी अपनी पस्तुतियै से दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया।इन प्रस्तुतियों का मेलाधिकारी उपजिलाधिकारी संतोष कुमार पांडेय, तहसीलदार सुरेन्द्र सिंह देब, पुलिस क्षेत्राधिकारी अमित कुमार सैनी देर रात तक आंनद लिया।