द बुक ऑफ इंडियन एसेज : अंग्रेजी में भारतीय निबंधों का एक व्यापक ऐतिहासिक संकलन
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देहरादून, 13 मई। गत सायं दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के साभागार में भारतीयअंग्रेजी साहित्य के जाने माने कवि प्रो. अरविंद कृष्ण मेहरोत्रा की सम्पादित पुस्तक द बुक ऑफ इंडियन एसेज पर बातचीत का एक कार्यक्रम आयोजित हुआ। उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव श्री सुरजीत किशोर दास ने प्रो.मेहरोत्रा से बातचीत की।
प्रो. मेहरोत्रा ने इस पुस्तक के महत्वपूर्ण अंशो का पाठ भी किया।
अंग्रेजी साहित्य के परिप्रेक्ष्य पर आधारित पुस्तक पिछली दो शताब्दियों के अंग्रेजी निबंधों को रेखांकित करती है। एक तरह से यह अंग्रेजी में भारतीय निबंधों का एक व्यापक ऐतिहासिक संकलन है। यह संग्रह 1820 के दशक में डेरोजियो से शुरू होता है और इक्कीसवीं सदी में समाप्त होता है। इसमें एक चिंतनशील निबंध, संस्मरण, साहित्यिकता से ओत-प्रोत व्यंग्यात्मकता का शानदार पुट भी मिलता है।
इसमे भारतीय और पश्चिमी समाज के साथ मध्यवर्गीय भारत के सामाजिक जीवन और सौंदर्य संबंधी संवेदनाओं के चित्र मिलते है। इसमें विक्टोरियन कलकत्ता, आधुनिक अमेरिका, ग्रामीण मिस्र, उन्नत ऑक्सफोर्ड, सामंती केरल, महानगरीय मुंबई, नौकरशाही दिल्ली, बौद्ध बनारस, सिविल लाइंस इलाहाबाद अन्य छोटे शहरों की तस्वीर मिलती है।
इस पुस्तक में हेनरी डोरिजियो, बंकिम चटर्जी, रवीन्द्रनाथ टैगोर, आर के नारायण, कुर्तुलेंन हैदर, रस्किन बॉन्ड, अनिता देसाई, एलिन सीली व पंकज मित्रा जैसे सुपरिचित लेखको के आलेख हैं।
पुस्तक से जुड़े विविध पक्षों पर उपस्थित श्रोताओं ने जबाब सवाल भी किये।
कार्यक्रम के प्रारम्भ में दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के सलाहकार प्रो.बी.के.जोशी ने साभागार में उपस्थित लोगों और मंचासीन अतिथियों का स्वागत किया और दून पुस्तकालय का परिचय दिया।
इस अवसर पर पूर्व पुलिस महानिदेशक श्री अनिल रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी,डॉ.योगेश धस्माना, डॉ मनोज पँजानी, बिजू नेगी, आर के सिंह, एलिन सीली,राजेश सकलानी, पूर्व मुख्य सचिव, इंदु कुमार पांडे, व एन एस नपलच्याल, मालविका चौहान, सहित, साहित्यकार, साहित्य प्रेमी, युवा पाठक उपस्थित रहे। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के कार्यक्रमों से स्वैच्छिक रूप से जुड़े निकोलस हॉफ़लैण्ड ने धन्यवाद दिया।
धन्यवाद।