राजस्थानी इतिहास और संस्कृति से रूबरू हुए टीएमयू के स्टुडेंट्स
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन की ओर से बीए-बीएड के स्टुडेंट्स का शैक्षिक भ्रमण
ख़ास बातें :
- छात्रों ने राजस्थान की भूगौलिकता और ऐतिहासिकता के किए प्रत्यक्ष दर्शन
- यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल है जयपुर का जंतर-मंतर
- अल्बर्ट म्यूजियम में छात्रों प्राचीन ऐतिहासिक वस्तुओं से हुए परिचित
- शैक्षिक भ्रमण में फैकल्टी ऑफ एजुकेशन के 21 छात्र-छात्राएं शामिल
मुरादाबाद, 28 नवंबर ( भाटिया ) । तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन की ओर से बीए बीएड के स्टुडेंट्स ने राजस्थान का भ्रमण करके जयपुर के जंतर-मंतर] हवामहल] आमेर का किला] अल्बर्ट म्यूजियम से संग-संग ऐतिहासिक स्थलों की विजिट करके उनके इतिहास के बारे में जाना। इस शैक्षिक भ्रमण का उद्देश्य स्टुडेंट्स को राजस्थान की भूगौलिकता और ऐतिहासिकता को प्रत्यक्ष रूप से दिखाना और समझाना था। जयपुर के जंतर-मंतर में स्थापित खगोलीय वैधशालाओं में सबसे बड़ी है। यूनेस्को ने इस जंतर-मंतर को अपनी विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया हुआ है। इसका प्रयोग आज भी ग्रहों, नक्षत्रों और मौसम की भविष्यवाणी करने के लिए किया जाता है। इसके बाद स्टुडेंट्स ने हवामहल का भ्रमण किया। यहां छात्रों ने प्रकाश मंदिर और हवा मंदिर की भव्यता को भी देखा। इनके अलावा छात्र-छात्राओं ने बिरला मंदिर और गणेश मंदिर में भी दर्शन किए।
छात्रों ने अल्बर्ट म्यूजियम में जाकर राजा महाराजाओं के ओर से प्रयोग किए जाने वाले हथियारों] पोशाक] वाद्य यंत्रों] शिल्प कलाओं] आभूषणों और ममी को देखा और अपनी जिज्ञासाओं को शांत किया । छात्रों ने जल महल में राजसी वस्त्रों पहनकर और विभिन्न परिधानों में अपने फोटो भी लिए।अंत में सभी छात्र आमेर का किला देखने के लिए गए। एक स्थानीय गाइड के जरिए छात्र -छात्राओं ने राजस्थान में आमेर के कछवाह वंश का इतिहास कछवाह क्षत्रिय राजपूत राजवंश राजा मानसिंह और राजकुमारी जोधाबाई से जुड़ी ऐतिहासिक बातों के बारे में जाना। इस शैक्षिक भ्रमण में श्री प्रेम प्रकाश मैमोरियल कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार लखेरा और डॉ. शेफाली जैन के संग-संग बीए-बीड के 21 छात्र-छात्राएं शामिल रहे।