तिलाड़ी कांड की बरसी पर उपपा ने माफिया राज का पुतला फूंका
देहरादून, 30 मई। उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने प्रदेश सरकार पर अतिक्रमण के नाम पर निर्ममता से गरीबों की बस्तियां उजाड़ने और पर्वतीय क्षेत्रों में वैध, अवैध तरीकों से बड़े पैमाने पर कब्जा कर रहे भू माफियाओं को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए शिखर तिराहे (परिवर्तन चौक) पर माफिया राज का पुतला फूंका जिसके बाद उपपा शिष्टमंडल ने कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी विनीत तोमर से मिलकर उन्हें मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।
अपने जंगलों के हक हुकूकों की रक्षा के लिए 30 मई 1930 को हुए तिलाड़ी कांड की बरसी पर आज उपपा समेत प्रदेश के तमाम जनसंगठनों ने राज्यव्यापी विरोध का आह्वान किया था।
इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से उपपा ने अतिक्रमण हटाने के नाम पर दशकों पुरानी बस्तियों, वन गांवों, धार्मिक स्थलों को बिना पुनर्वास के ध्वस्त करने पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।
उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी ने शिखर तिराहे (परिवर्तन चौक) में दिन 12:30 बजे माफिया राज के खिलाफ नारे लगाते हुए माफिया राज का पुतला फूंका। इस मौके पर हुई नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए उपपा के केंद्रीय अध्यक्ष पीसी तिवारी ने कहा उत्तराखंड राज्य बनने के बाद हमारे प्राकृतिक संसाधनों, नदियों, जमीनों, व्यवसाय, रोजगार पर सुनियोजित रूप से माफियाओं का कब्जा हो रहा है जिससे पर्वतीय क्षेत्रों में भारी असंतोष है और प्रदेश में माफिया भगाओ उत्तराखंड बचाओ अभियान शुरू हो गया है। इस मौके पर पार्टी की केंद्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती आनंदी वर्मा, केंद्रीय महासचिव नारायण राम, नगर अध्यक्ष हीरा देवी, एडवोकेट जीवन चंद्र, राजू गिरी, प्रताप सिंह, एडवोकेट वंदना कोहली, उपपा केंद्रीय कार्यकारिणी के प्रकाश चंद्र, उछास के दीपांशु पांडे, मनीषा, प्यारेलाल समेत अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
इसके बाद उपपा नेताओं ने कलेक्ट्रेट जाकर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन जिलाधिकारी विनीत कुमार तोमर को सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि हमारी सरकार इस बात पर विचार नहीं कर रही है कि जिन हजारों लोगों को सरकार अतिक्रमण के नाम पर उजाड़ रही है उनके लिए भारत के संविधान की भावना के अनुरूप आर्थिक, राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक समानता और मानवीय गरिमा के साथ जीवन यापन की आशा कब पूरी होगी। उपपा ने प्रश्न किया है कि उत्तराखंड राज्य बनने के 23 वर्ष बाद और आजादी के इस अमृत काल में भी हजारों लाखों उजड़ने वाले लोग इतने भूखे प्यासे मजबूर व दयनीय क्यों हैं और इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं?
प्रदेश सरकार को दिए गए 9 सूत्री ज्ञापन में गैर कानूनी रूप से बिना पुनर्वास के किसी गरीब को न हटाने, उजाड़े गए लोगों का पुनर्वास करने, राज्य में प्रभावशाली लोगों द्वारा जमीनों की अनुमतियों के दुरुपयोग की जांच कर प्लीजेंट वैली समेत इनकी सभी संपतियां जब्त करने, उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधनों, जमीनों की लूट को बंद करने हेतु उत्तराखंड को संविधान की धारा 371 में संरक्षण देने, बेनाप भूमि को ग्राम समाज को सौंपने, भूमि बंदोबस्त चकबंदी लागू करने, सशक्त भू कानून बनाने और सौर ऊर्जा के नाम पर लीज में बाहरी कंपनियों को जमीन देने पर रोक लगाने, वन पंचायतों के लिए अलग अधिनियम बनाने, भू माफियाओं के खिलाफ समान रूप से कठोर कार्रवाई करने उन्हें धर्म व जातियों चश्में से देखने के प्रयास बंद करने की मांग की है।
उपपा ने चेतावनी दी है कि सरकार इस न्याय संगत मामलों पर गौर नहीं करेगी तो उपपा तमाम जन संगठनों के साथ मिलकर भूमाफिया भगाओ उत्तराखंड बचाओ अभियान चलाते हुए पीड़ित, बेघर लोगों को न्याय दिलाने हेतु आंदोलन चलाएगी।