खराब मौसम और भारी बर्फबारी भी नहीं रोक पाई स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार का रास्ता
पैदल मार्ग से केदारनाथ धाम पहुँचकर जानी स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत
केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर मिलेंगी पहले से बेहत्तर स्वास्थ्य सेवायें – डॉ आर राजेश कुमार
-मौसम के बदले मिजाज के बीच पैदल मार्ग से केदारनाथ पहुंचे डॉ आर राजेश कुमार
-केदारनाथ यात्रा मार्ग पर बर्फबारी, जगह-जगह जमी है भारी बर्फ
-स्वास्थ्य सचिव को अपने बीच पाकर कर्मचारियों-अधिकारियों में उत्साह की लहर
-स्वास्थ्य सचिव ने की सेवा और सर्मपण भाव से काम करने की अपील
देहरादून। अक्षय तृतीया के अवसर पर आज गंगोत्री-यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा का आगाज हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किये हैं। इस बार तीर्थयात्रियो को यात्रा मार्ग पर पहले से बेहतरीन स्वास्थ्य सेवाएं मिलेंगी। राज्य सरकार का विशेष फोकस केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहत्तर बनाने पर रहा है। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने से पहले यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत परखने सचिव डॉ आर राजेश कुमार पैदल मार्ग से केदारनाथ पहुंचे।
चारधाम यात्रा में तीर्थयात्रियों को पहले से बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए स्वास्थ्य महकमे ने सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत के निर्देश पर स्वास्थ्य सचिव डा. आर. राजेश कुमार चारधाम यात्रा मार्ग पर स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत परख रहे हैं। इस कड़ी में स्वास्थ्य सचिव ने बदरीनाथ धाम के बाद आज केदारनाथ धाम तक की पैदल यात्रा कर जगह-जगह स्वास्थ्य इकाइयों का निरीक्षण कर रहे हैं। बीते रोज देर रात स्वास्थ्य सचिव रुद्रप्रयाग पहुंचे। जहां आज सुबह स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग में पढ़ने वाले 10 मेडिकल रिलीफ प्वाइंट और दो पीएचसी का निरीक्षण कर तमाम व्यवस्थाओं का जायजा लिया। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर छौड़ी, चीरबासा, जंगल चट्टी, भीमबली, रामबाड़ा, छोटी लिनचोली, बडी लिनचोली, छानी, रुद्रा पॉइन्ट, बेस कैम्प, केदारनाथ में मेडिकल रिलीफ प्वाइंट बनाये गये हैं।
केदारनाथ धाम पैदल यात्रा के पहले पड़ाव गौरीकुंड से पैदल शुरू हुआ सचिव स्वास्थ्य का काफिला दोपहर बाद केदारनाथ धाम में जाकर रूका। इस दौरान रास्ते में मौसम का बदला मिजाज भी देखने को मिला। यात्रा मार्ग पर जगह-जगह भारी बर्फ जमी हुई देखने को मिली। बर्फबारी के बावजूद हर मेडिकल रिलीफ प्वाइंट पर स्वास्थ्य विभाग की टीम मुस्तैद नजर आई। स्वास्थ्य सचिव ने यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले प्रत्येक मेडिकल रिलीफ प्वाइंट का बारीकी से निरीक्षण कर दवाओं का स्टॉक, ऑक्सीजन सिलेंडर व अन्य सामान का स्टॉक जांचा। इसके साथ ही टेलीमेडिसिन यूनिट में जाकर निरीक्षण करने के साथ सभी प्रकार की जानकारियां प्राप्त की। इस दौरान उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों-कर्मचारियों को पूर्ण सेवाभाव और मनोयोग से यात्रियों की स्वास्थ्य जांच व सहयोग करने की अपील की। स्वास्थ्य सचिव ने स्वास्थ्य सेवाओं पर संतुष्टि जाहिर की।
10 एमआरपी, 2 सीएचसी, और 5 हैल्थ एटीएम हैं स्थापित
स्वास्थ्य सचिव के मुताबिक केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर इस बार सरकार का विशेष फोकस है। यहां 10 मेडिकल रिलीफ पोस्ट बनाई गयी है। इसके साथ ही यात्रा मार्ग पर दो पीएचसी सेटर भी स्थापित हैं। प्रत्येक मेडिकल रिलीफ पोस्ट में चिकित्सकों के साथ ही लगभग आधा दर्जन प्रशिक्षित मेडिकल स्टॉफ तैनात किया गया है। वहीं दोनों सीएचसी में विशेषज्ञ चिकित्सों के साथ ही एक दर्जन से अधिक प्रशिक्षित स्टाफ की तैनाती की गई है। केदारनाथ यात्रा मार्ग पर पांच स्थानों पर हेल्थ एटीएम की स्वीकृति दी गई थी। इनमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गुप्तकाशी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र फाटा, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र गौरीकुंड और माधव चिकित्सालय नारायणकोटी में हेल्थ एटीएम की स्थापना कर दी गई है। एक हेल्थ एटीएम की स्थापना केदारनाथ धाम से पहले बेस कैंप के एमआरपी में की जा रही है। हेल्थ एटीएम में ब्लड प्रेशर, शुगर, वजन, लंबाई, शरीर का तापमान, शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा आदि की जांच की जाएगी। उन्होंने बताया कि पांचों हेल्थ एटीएम में कार्य करने वाले तकनीकि स्टॉप को बुधबार प्राथमिक) स्वास्थ्य केंद्र गुप्तकाशी में प्रशिक्षण दिया गया है।
डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, ऑक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की प्रयाप्त व्यवस्था
चारोंधाम में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने केलिए 130 डाक्टरों की तैनाती की गयी है। इसमें डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, आक्सीजन सिलेंडर और दवाएं उपलब्ध होंगी। इस बार यहां प्वाइंट आफ केयर टेस्टिंग डिवाइस होगा। इस डिवाइस से 28 तरह के रोगों की टेस्टिंग हो सकेगी। स्वास्थ्य सचिव के अनुसार इस बार यात्रा मार्ग पर ऐसे डाक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की गयी है जो कि हृदय संबंधी रोगों के उपचार और निदान में पारंगत हों। उन्होंने कहा कि हम चारधाम यात्रा को पूरी तरह से सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए संकल्पित हैं। यात्रा मार्गों पर मौजूद अस्पतालों में डाक्टर, स्टाफ, आक्सीजन सिलेंडर और दवाओं की व्यवस्था की गयी है। चारधाम यात्रा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के इंतजाम किए गए हैं। केंद्र सरकार की ओर से राज्य को पूरा सहयोग मिल रहा है। इस बार किसी भी यात्री को स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं होगी।
हेली एंबुलेंस संचालन के लिए सरकार तैयार
सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार का कहना है कि हेली एंबुलेंस सेवा संचालन के लिए प्रदेश सरकार तैयार है। केंद्र व राज्य सरकार के वित्तीय सहयोग से एम्स ऋषिकेश से हेली एंबुलेंस सेवा का संचालन किया जाना है। हेली एंबुलेंस पर जो भी खर्च आएगा। उसका 50 प्रतिशत राज्य सरकार को देना है। जबकि 50 प्रतिशत केंद्र सरकार देगी। हेली एंबुलेंस संचालन का प्रबंध एम्स ऋषिकेश के अधीन होगा। मेडिकल प्रोटोकॉल के तहत इमरजेंसी में मरीजों को हेली एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध होगी।