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जोशीमठ और दशोली ब्लाकों में भोटिया विद्यार्थी रोंगपा भाषा में पढ़ाई करेंगे

-गौचर से दिग्पाल गुसाईं –
रोंग्पा भाषा संदर्शिका निर्माण एवं पाठ्य पुस्तकों की अनुवाद संबंधी पांच दिवसीय कार्यशाला का समापन हो गया है।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौचर चमोली में विगत 25 अगस्त से चली आ रही रोंगपा भाषा में संदर्शीका निर्माण एवं पाठ्य पुस्तकों का अनुवाद संबंधी कार्यशाला का मंगलवार को समापन हो गया।

कार्यशाला में विभिन्न विद्यालयों के 25 शिक्षकों ने प्रतिभा किया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रावधान किया गया है कि कक्षा 5 तक की शिक्षा अनिवार्य रूप से मातृभाषा में दी जाए। इसी परिपेक्ष में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान गौचर चमोली द्वारा जोशीमठ विकासखंड और दशोली विकासखंड में रोंगपा भाषा बाहुल्य क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षको, अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए रोंगपा भाषा संदर्शिका का निर्माण किया जा रहा है। जिसका उपयोग करते हुए इन क्षेत्रों में कार्यरत शिक्षक विद्यालयों में छात्र छात्राओं, अभिभावकों तथा स्थानीय समुदाय के साथ आसानी से संवाद स्थापित कर सकेंगे ।

कार्यक्रम समन्वयक भगत सिंह कंडवाल ने कहा की कार्यशाला में मारछा एवम तोलछा विषय वस्तु निर्माण,भाषा संदर्शिका के प्रारूप, अनुक्रमणिका ,आमुख, प्राक्थन, कवर पेज ,आदि का निर्माण कर प्रस्तुतीकरण किया गया। कक्षा एक की हिंदी की पाठ्यपुस्तक रिमझिम का अनुवाद मारच्छा एवम तोलछा भाषा में किया गया।

अंतिम दिवस के प्रथम सत्र में संस्थान के प्रवक्ता राजेंद्र प्रसाद मैखुरी ने कहा की भाषा हमारी संस्कृति के संरक्षण में सहयोग करती है इसलिए हमें अपनी नई पीढ़ी के साथ भी मातृभाषा में संवाद‌ स्थापित करना चाहिए। मातृभाषा की संरक्षण का एकमात्र माध्यम भाषा का व्यावहारिक बोलचाल में उपयोग किया जाना जरूरी है।

कार्यशाला के द्वितीय सत्र में संस्थान के संकाय सदस्य योगेंद्र बर्तवाल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप कक्षा 5 तक मातृभाषा में शिक्षण किए जाने की आवश्यकता बताई गई है। उन्होंने कहा कि छात्र अपनी मातृभाषा में बहुत जल्दी सीखते हैं। संस्थान के वरिष्ठ प्रवक्ता डॉक्टर गजपाल रामराज ने कहा कि संविधान में मातृभाषा एवं संस्कृति संरक्षण की स्वतंत्रता प्रदान की गई है।

इस अवसर पर में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के पूर्व जिला अध्यक्ष पुष्कर सिंह राणा ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह रोंगपा भाषा संदर्शिका जनपद के शिक्षकों, अधिकारियों कर्मचारियों के लिए स्थानीय लोगों से उनकी भाषा में वार्तालाप करने एवं उनकी आवश्यकताओं को समझने में मदद करेगी।

कार्यशाला के समापन अवसर पर संस्थान के प्राचार्य एल एस बर्तवाल ने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए तथा कार्यशाला में अपना सहयोग देने के लिए सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। कहा कि आपके द्वारा निर्मित संदर्शिका का प्रकाशन अति शीघ्र किया जाएगा। तथा 9 नवंबर तक इसका विमोचन उचित मंच से किया जाएगा।

इस अवसर पर वैशाख सिंह रावत,पुष्कर सिंह राणा, नंदन सिंह रावत, हेमवंती परमार,हेमलता बड़वाल, धन सिंह बिष्ट, धन सिंह घरिया, बच्चन सिंह डुंगरियाल ,सुरेंद्र सिंह राणा ,केदार सिंह पंखोंली, संतोष फोनिया, रोशन सिंह बड़वाल, शेर सिंह परमार ,नंदी कठैत ,विमला रावत, चंद्रकला डुंगरियाल, आरती खाती ,धन सिंह घरिया हेमलता बड़वाल ,पुष्पा रावत, प्रमिला बिष्ट ,मंगली मोल्फा माहेश्वरी डांगला, दमयंती बड़वाल, धन सिंह बिष्ट, पूरण सिंह,भूपेंद्र सिंह राणा,राजेंद्र प्रसाद मैखुरी, योगेंद्र बर्तवाल , डॉ गजपाल राम राज ,श्री वीरेंद्र सिंह कठैत आदि ने विचार व्यक्त किए। संचालन कार्यक्रम के समन्वयक भगत सिंह कंडवाल ने किया।

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