मुख्यमंत्री धामी ने सूरतगढ राजस्थान में वीर सैनिकों के परिजनों को सम्मानित किया

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-uttarakhandhimalaya.in–

देहरादून, 11  सितम्बर।  मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सूरतगढ, श्री गंगानगऱ राजस्थान में सैनिक सम्मान समारोह कार्यक्रम में वीर सैनिकों के परिजनों को सम्मानित करते हुये कहा कि राजस्थान और उत्तराखंड, वीरों एवं बलिदानियों की भूमि है, ये बात हमारे सैनिकों ने अब तक हुए सभी युद्धों में सिद्ध की है। हमने हमेशा माना है कि देशभक्ति सभी प्रकार की भक्तियों में सर्वश्रेष्ठ है।

मुख्यमंत्री  धामी ने वे स्वयं एक सैनिक पुत्र हैं, इसलिए जब भी वे इस प्रकार के कार्यक्रमों में सम्मिलित होते हैं तो उनका सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। अपने पिता जी से सुनी सैन्य वीरों की गाथाओं ने उन्हें बचपन से ही बहुत प्रभावित किया और उनके अंदर राष्ट्र के प्रति संपूर्ण समर्पण की भावना को जागृत किया। उन्होंने कहा कि वीर सैनिकों एवं उनके परिजनों को सम्मानित कर वे स्वयं को सम्मानित अनुभव कर रहे है। मुख्यमंत्री  ने कहा कि उन्होंने सैनिक की वीरता तथा उनके परिजनों का संघर्ष भी देखा है। एक सैनिक जीवन में संघर्ष के बावजूद दृढ़ता पूर्वक अपने देश के स्वाभिमान को बचाने के लिए हमेशा तत्पर रहता है। सैनिकों के प्रति हमारी सरकार का समर्पण किसी से छिपा हुआ नहीं है।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड और वीरभूमि राजस्थान सांस्कृतिक रूप से एक-दूसरे के पूरक रहे हैं। उत्तराखंड ने आध्यात्मिक क्षेत्र में जहां दुनिया को एक नई राह दिखाने का कार्य किया है, वहीं राजस्थान की महान धरती की प्राचीनकाल से ही अपनी अद्धितीय सांस्कृतिक विरासत रही है। राजस्थान प्राचीन काल से ही वीर भूमि रही है। यहां के वीरों तथा वीरांगनाओं ने अपना सर कटा दिया पर शत्रुओं के सामने कभी सर नहीं झुकाया। उन्होंने कहा कि उनका भी राजस्थान की इस महान धरती से गहरा सम्बन्ध है, क्योंकि उनके पूर्वज भी राजस्थान से ही उत्तराखंड में आये थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने दुश्मन को मात तो पहले भी दी है लेकिन अब हमारे सैनिक दुश्मन को उसके घर में घुस कर धूल चटाते हैं। चाहे पुलवामा हमले का बदला हो, बालाकोट एयर स्ट्राइक हो या गलवान घाटी में चीन के सैनिकों के दांत खट्टे करना हो, हमारे सैनिकों ने दुश्मन को ये बता दिया कि मोदी जी जैसा राजनीतिक नेतृत्व हो तो वो किसी भी दुश्मन को उसकी माद में जाकर मात दे सकती है। सशस्त्र सेनाएं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तभी कर सकती हैं जब उनके पास अच्छे हथियार हों और उन्हें उम्दा प्रशिक्षण मिला हो। इससे सैनिकों का मनोबल तो बढ़ता ही है, वे चुनौतियों का सामना करके विजयी भी होते हैं। आज सम्पूर्ण विश्व भारत की शक्ति एवं सामर्थ्य से परिचित हुआ है, जिसका परिणाम है कि आज कोई भी दुश्मन हमें आंख दिखाने की हिम्मत नहीं कर सकता। आज देश की सुरक्षा में लगे सैनिकों को दुश्मन की गोली का जवाब देने के लिए सरकार से अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ती।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 के पहले यूपीए सरकार की पॉलिसी पैरालिसिस ने देश को बहुत नुकसान पहुंचाया। आलम ये था कि 10 साल तक रक्षा समझौते तक ताक पर रख दिए गए थे। पूर्व की सरकारों में, सेना के आधुनिकीकरण की बात दूर, सेना के इस्तेमाल के लिए साजो-सामान की खरीददारी भी भारी पड़ती नजर आती थी। परन्तु जब से प्रधानमंत्री श्री मोदी ने सेना को आधुनिक बनाने का मोर्चा संभाला है, फर्क साफ दिखता है। इसलिए सुरक्षा की दृष्टि से भी देखा जाए तो हमारी केंद्र सरकार के पिछले 9 वर्ष बेमिसाल रहे हैं। सेना के पास अब भारत में बने टैंक, मिसाइल और हैंड ग्रेनेड के साथ- साथ बड़े हथियार हैं जो आत्म निर्भर भारत के नारे को सफल बना रहे हैं।

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