राजनीति

कांग्रेस ने लगाया आयकर और ईडी छापेमारी में पक्षपात का आरोप

 

देहरादून,  19 दिसंबर।  उत्तराखंड कांग्रेस की  मुख्य प्रवक्ता गरिमा माहरा दसौनी ने पिछले दिनों देहरादून में एक कांग्रेस नेता के परिसरों हुई आयकर विभाग की  छापेमारी पर केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने और केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है।

दसौनी ने एक बयान में  कहा कि सत्तारूढ़ दल भाजपा के उत्तराखंड के कई नेताओं पर बहुत गंभीर आरोप लगे लेकिन कभी किसी नेता या पदाधिकारी के घर पर ईडी,सीबीआई या इनकम टैक्स की छापेमारी नही हुयी । दसोनी ने कहा उदाहरण के तौर पर उत्तराखंड सरकार में काबीना मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति के गंभीर आरोप लगे इतना ही नहीं, उद्यान घोटाले की जांच कर सीबीआई ने उद्यान विभाग में करोड़ों का घोटाला होने की बात कही। देहरादून में निर्माणाधीन सैन्य धाम में भी जमकर भ्रष्टाचार होने के तथ्य शासन और सरकार के सामने रखें गए लेकिन गणेश जोशी पर कभी कोई जांच नहीं बैठी? भाजपा के एक नेता के परिसरों में जमीनों के सौदों की 300 से अधिक संदिग्ध फाईलें आयकर ने बरामद की थी।

उसके अलावा देहरादून में भाजपा के निवर्तमान महापौर सुनील उनियाल गामा पर मेयर रहते हुए पद का दुरुपयोग कर अपनी संपत्ति में बीस गुना बढ़ोतरी किए जाने का आरोप लगा लेकिन हर बार की तरह कोई जांच नहीं हुई ?

दसोनी ने कहा की हद तो तब हो गई जब यमकेश्वर की भाजपा विधायक रेणु बिष्ट ने अंकिता भंडारी हत्याकांड में क्राइम स्पॉट यानी जहां हत्याकांड को अंजाम दिया गया साक्ष्य और सबूत मिटाने के लिए उसी को बुलडोजर से गिराने का काम किया। विधायक का वह कृत्य उत्तराखंड की समूची जनता ने देखा वह अपराधिक कृत्य था परंतु रेनू बिष्ट का कोई बाल बांका भी ना कर पाया ।

गरिमा ने स्पष्ट करते हुए कहा कि यह कतई यह न समझा जाए कि कांग्रेस गलत के साथ है और किसी को बचाने की कोशिश कर रही है ,गरिमा ने साफ तौर पर कहा कि यदि किसी ने अवैध तरीके से धनोंपार्जन किया है या कानून की नजर में कोई भी गलत काम किया है तो उसको सजा होनी चाहिए ,लेकिन जो सत्ता में बैठे लोग हैं उन्हें यह समझना होगा कि मानक एक ही होने चाहिए फिर चाहे वह सत्ता में बैठे भ्रष्ट नेता हों या विपक्ष में बैठे। वन नेशन वन इलेक्शन की बात करने वाली भाजपा कम से कम वन नेशन वन रूल्स एंड रेगुलेशन तो लागू कर ही सकती है।

दसौनी ने इस  छापे की टाइमिंग को लेकर भी सवाल उठाया कि ऐसा क्यों होता है कि जब-जब चुनाव होता है तभी तनाव भी होता और विपक्षी दल के नेताओं के दमन की शुरुआत हो जाती है ताकि विपक्ष को जनता की नजरों में बदनाम किया जा सके और दुष्प्रचार कर सत्ता पर कब्जा किया जा सके? दसौनी ने कहा की केंद्र और राज्य की भाजपा सरकार ईडी,सीबीआई और इनकम टैक्स का मनमाने तरीके से उपयोग कर रही है और अपने नेताओं की मगरमच्छ जैसी गलती भी धृतराष्ट्र बनकर माफ कर रही है और विपक्षी दल के नेताओं की चींटी बराबर गलती को भी बड़ा चढ़ाकर जनता के सामने परोस रही है।

दसौनी ने कहा कि यह कितनी बड़ी विडंबना है कि जिस सरकार को महिला अस्मिता की रक्षा करनी चाहिए थी आज वह अपने ही दल के उन लोगों को जिन्होंने नाबालिग बच्चियों के साथ दुष्कर्म किया है उन्हें संरक्षण दे रही है।

 

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