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नदियों में पानी की कमी के बावजूद उत्तराखंड के बिजलीघरों का उत्पादन बढ़ा

 

देहरादून, 9 दिसंबर। सर्दियां प्रारंभ होते ही यूजेवीएन लिमिटेड की अधिकांश परियोजनाओं से उत्पादन कम होना प्रारंभ हो जाता है। निगम की ये परियोजनाएं ग्लेशियरों से निकलने वाली नदियों के जल पर निर्भर रहती हैं तथा नवंबर से मार्च तक के महीनों में उच्च हिमालयी क्षेत्र में हिमपात एवं कड़ाके की ठंड के कारण इन नदियों का जलस्राव कम हो जाता है। इसके बावजूद निगम प्रबंधन के प्रयासों से बिजली उत्पादन 7 मिलियन यूनिट प्रतिदिन से बढ़ कर 10.38 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया है।

Sandip Singhal, MD UJVNL

राज्य की आवश्यकताओं को देखते हुए यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंधन द्वारा सर्दियों में विद्युत उत्पादन बढ़ाए जाने के प्रयासों के तहत रामगंगा जल विद्युत परियोजना से भी उत्पादन प्रारंभ कर दिया गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए प्रबंध निदेशक डॉ. संदीप सिंघल ने बताया कि 198 मेगावाट क्षमता की रामगंगा जल विद्युत परियोजना मूलतः उत्तर प्रदेश की सिंचाई सुविधाओं हेतु बनाई गई है।

इस वर्ष यूजेवीएन लिमिटेड के प्रबंधन द्वारा उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से जल छोड़ने हेतु लगातार वार्ता एवं अनुरोध किया जाता रहा। प्रबंधन के सार्थक प्रयासों से उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग द्वारा 2 दिसंबर से नहर में पानी छोड़ना प्रारंभ कर दिया गया तथा उसी दिन से परियोजना द्वारा विद्युत उत्पादन प्रारंभ कर दिया गया है।

सिंघल ने बताया कि 5 दिसंबर से परियोजना द्वारा निरंतर 2.5 से 3.0 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन किया जा रहा है। नवंबर के अंत में निगम के विद्युत गृहों का दैनिक उत्पादन 7 मिलियन यूनिट प्रतिदिन तक रह गया था जो 8 दिसंबर तक बढ़कर 10.38 मिलियन यूनिट प्रतिदिन हो गया है।

उच्चतम मांग के समय निगम की परियोजनाएं 850 से 900 मेगावाट की क्षमता से विद्युत उत्पादन कर रही हैं। सिंघल ने उ.प्र. सिंचाई विभाग का आभार जताते हुए कहा कि बढ़े हुए उत्पादन से न केवल सर्दियों में राज्य की विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति में मदद मिलेगी बल्कि राज्य के राजस्व को बचाने में भी सहयोग मिलेगा।

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