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देहरादून और उत्तराखंड में मेयर और शहरी निकाय के चुनाव

 

 

–अनूप नौटियाल-

कुछ दिन पहले मुझसे किसी ने पूछा, “हमें किसे वोट देना चाहिए?”

मैंने जवाब दिया कि अभी दो कारणों से मैं किसी भी नाम की सिफारिश नहीं कर सकता। पहला, राजनीतिक पार्टियों ने अभी तक अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है और दूसरा, यह आपका व्यक्तिगत निर्णय है। इसके अलावा मैंने उनके साथ निम्नलिखित तीन बातें और साझा की जो मैं आपसे साथ भी शेयर करना चाहता हूं:

*A.* आम तौर पर शहरी निवासियों में वोटिंग के प्रति उदासीनता की भावना काफी गहरी है। यह सभी चुनावों में सच है लेकिन शहरी निकाय चुनावों में यह और अधिक स्पष्ट तौर से दिखता है। इसलिये एक जागरूक नागरिक समुदाय के रूप में हमारा एक उद्देश्य यह हो सकता है कि हम और अधिक लोगों को सक्रिय रूप से शहर के मुद्दों में भाग लेने के लिए और मतदान करने के लिए प्रेरित करें। यह भी महत्वपूर्ण है कि अधिक से अधिक लोग इस बात के महत्व को आत्मसात करें कि हमारे रोज़मर्रा के नागरिक मुद्दों के लिए हमारे पार्षद हमारे विधायक या सांसद से कहीं अधिक मददगार और सुलभ होते हैं।

*B.* चूंकि यह एक स्थानीय चुनाव है, इसे भाजपा/कांग्रेस या राहुल/मोदी या हिंदू/मुस्लिम या चीन/पाकिस्तान या पहाड़ी/गैर पहाड़ी जैसी बाइनरी के आधार पर नहीं लड़ा जाना चाहिए। इसके बजाय, हमें यह विश्वास होना चाहिए कि हमारे चिन्हित प्रत्याशी हमारी कॉलोनी, वार्ड, शहर और राज्य के लिए सबसे अच्छा काम करेंगे। इस विचार से हमें इस महत्वपूर्ण नागरिक चुनाव में वोटिंग करनी चाहिए।

*C.* हम में से कई लोग, जो विभिन्न देहरादून-आधारित नागरिक समूहों में काम कर रहे हैं, देहरादून के लिए एक हरित विकास एजेंडा पर काम कर रहे हैं। मुझे उम्मीद है कि जैसे ही हम इस एजेंडे को तैयार करेंगे, इसे शहर के नागरिक नेटवर्कों के बीच व्यापक रूप से फैलाया जाएगा। हरिद्वार, हल्द्वानी, ऋषिकेश और राज्य के अन्य शहरों/कस्बों में भी स्थानीय हरित एजेंडे तैयार किए जा सकते हैं। हमें सरकार और सिस्टम से जवाबदेही की मांग करते हुए इस बदहाल हो चुके शहरीकरण के मॉडल और राजनीतिक वर्ग की उदासीनता के कारण हो रही विनाशकारी स्थिति पर गहरी नाराजगी व्यक्त करनी चाहिए। मेरी उम्मीद रहेगी कि हमारे इन प्रयासों से मेयर और निकाय चुनावों में स्पष्टता आएगी, नागरिक कार्रवाई को गति मिलेगी और चुनावी भागीदारी को मजबूती मिलेगी।

अंत में आपसे विनम्र निवेदन भी रहेगा कि आप भी बताएं कि देहरादून और राज्य के 99 अन्य शहरों/कस्बों में आगामी मेयर और शहरी निकाय चुनावों के लिए और क्या किया जा सकता है।

anoop.nautiyal@gmail.com

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