खेल/मनोरंजन

छोटे बच्चों के लिए दून पुस्तकालय में आयोजित हुई दो मनोरंजक गतिविधियां

देहरादून, 22 दिसम्बर। दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र ने कल शनिवार और आज रविवार को बच्चों के लिए दो आकर्षक और रचनात्मक कार्यक्रम आयोजीत किये। जिसमें कल का सत्र एक शिल्प सत्र कार्यशाला और आज एक कहानी वाचन व लेखन का सत्र शामिल था। जिससे बच्चों को शिल्प और मनोरम कहानियों के माध्यम से क्रिसमस की उत्सव की भावना में डूबने का अवसर मिला।

प्रतिभाशाली कलाकार श्रीमती दीपाक्षी गुसाईं, श्रीमती कल्पना बहुगुणा और श्रीमती ज़ोहरा निज़ामी के नेतृत्व में एक आनंददायक क्रिसमस शिल्प सत्र में भाग लेने के लिए बच्चे पुस्तकालय में एकत्र हुए। यह सत्र हंसी -खुशीऔर रचनात्मकता से भरा था। इसमें 30 से अधिक नन्हें बच्चों ने सुंदर क्रिसमस कॉर्ड्स व सजावट सामग्रीऔर शिल्प के विविध सामग्री को बनाना सीखा।

इस अनुभव ने बच्चों को अपनी कलात्मक क्षमताओं का पता लगाने और अपनी छुट्टियों में कल्पनाओं को पंख लगाने का शानदार अवसर दिया।

आज रविवार को, पुस्तकालय ने एक कहानी लिखने व वाचन के सत्र का अयोजन किया, इसमें यूएसए निवासी, ‘बेंटो स्टोरीलैब’ की एक कहानीकार,श्रीमती उपासना काकरू, शामिल थीं। यह सत्र सभी बच्चों के लिए मुफ़्त और खुला था। इस सत्र के जरिये बच्चों को दूर से मनमोहक कहानियाँ सुनने का मौका मिला। कहानीकार ने आकर्षक कहानियों से लगभग 100 बच्चों के युवा दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया, जो उन्हें अलग-अलग दुनिया में ले गए और उनकी कल्पना को जागृत किया। आसरा ट्रस्ट और अन्य स्कूलों के बच्चों के एक समूह द्वारा बनाई गई सर्वश्रेष्ठ कहानी को सुश्री उपासना द्वारा अपने बच्चों की पत्रिका- “बेंटो” में प्रकाशित किया जाएगा।

दून पुस्तकालय के बाल अनुभाग की प्रभारी मेघा ने अपील करते हुए कहा कि सप्ताहांत में यह केंद्र बच्चों को नए शिल्प सीखने और आकर्षक कहानियाँ सुनने का आनंद प्रदान करता है। इन सत्रों ने न केवल मनोरंजन करते हैं बल्कि बच्चों को खुद को रचनात्मक रूप से अभिव्यक्त करने और कहानी कहने की कला की सराहना करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। इस तरह के आयोजन सामुदायिक भावना को बढ़ावा देने और युवा दिमागों को प्रेरित करने का एक शानदार तरीका हैं। इसके लिए अभिभावक अपने ब्च्चों को बाल अनुभाग से जोड़ने के लिए , दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र पर आएं।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में बच्चे व अभिभावक शामिल रहे।

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