बारिश का सिलसिला थमते ही कास्तकारों ने शुरु की धन की बुआई
–गौचर से दिगपाल गुसाईं की रिपोर्ट –
बारिश का सिलसिला थमने के बाद कास्तकारों ने धान की बुवाई का काम युद्धस्तर पर जारी कर दिया है।
जनपद चमोली के गौचर में समतल कृषि भूमि पर बड़ी मात्रा में धान व गेहूं की फ़सल उगाई जाती है।इस बार जाड़ों की बारिश न होने की वजह से कास्तकारों को काफी नुक़सान उठाना पड़ा है। गेहूं का दाना इतना बारीक हुआ कि उनकी उपज आधे से भी कम हुई है। गेहूं की फ़सल काटने के बाद जैसे ही कास्तकार धान की बुवाई में जुटने लगे थे कि लगातार हो रही बे मौसमी बारिश ने कास्तकारों को परेशानी में डाल दिया था।
अब जब दो तीन दिन से बारिश का सिलसिला थम गया है तो कास्तकारों ने धान की बुवाई का काम युद्धस्तर पर जारी कर दिया है।अभी भी मौसम पूरी तरह से मौसम सुधरा नहीं है दिनभर धूप खिलने के बाद शाम होते ही बादलों की आमद हो जाने से कास्तकारों की चिंताएं कम होने का नाम नहीं ले रही है। उन्हें इस बात की चिंता शताने लगी है कि अगर फिर से बारिश का सिलसिला शुरू हुआ तो उनकी धान की बुवाई के काम में खलल पड़ सकता है। इसलिए क्षेत्र का कास्तकार धान की बुवाई में युद्धस्तर पर जुट गया है।