राष्ट्रीय

पीएम-किसान योजना में ठगी, अब तक अपात्र लाभार्थियों से कुल 335 करोड़ रुपये वसूले गए

अपात्र लाभार्थियों की पहचान के लिए पीएम-किसान की लेखा परीक्षा

 

नयी दिल्ली, 9  दिसंबर।  पीएम-किसान योजना एक केंद्रीय योजना  के तहत संबंधित राज्य सरकारों ने आयकर दाता, उच्च आय वर्ग, सरकारी कर्मचारी आदि के रूप में चिह्नित अपात्र किसानों से वसूली शुरू की है। देश भर में अब तक अपात्र लाभार्थियों से कुल 335 करोड़ रुपये वसूले गए हैं।

 

कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री राम नाथ ठाकुर ने 6  दिसंबर को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि  पीएम-किसान योजना को फरवरी 2019 में प्रधानमंत्री द्वारा भूमि-धारक किसानों की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए शुरू किया गया था। इस योजना के अंतर्गत प्रत्‍येक चार महीने में तीन समान किस्तों में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) मोड के माध्यम से देश भर के किसान परिवारों के बैंक खातों में हस्‍तांतरित किया जाता है। पीएम-किसान योजना दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में से एक है।

किसान-केंद्रित डिजिटल बुनियादी ढांचे ने यह सुनिश्चित किया है कि इस योजना का लाभ देश भर के सभी किसानों तक बिना किसी बिचौलियों की भागीदारी के पहुंचे। लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हुए भारत सरकार ने अब तक 18 किस्तों में 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि का वितरण किया है।

यह योजना शुरू में एक विश्‍वास आधारित व्‍यवस्‍था पर शुरू की गई थी। इसमें लाभार्थियों को राज्यों द्वारा स्व-प्रमाणन के आधार पर पंजीकृत किया गया था। शुरुआत में, कुछ राज्यों के लिए आधार सीडिंग में भी छूट दी गई थी। बाद में, पीएफएमएस, यूआईडीएआई और आयकर विभाग के साथ एकीकरण सहित कई तकनीकें जुडी़। इसके अलावा, आधार आधारित भुगतान और ई-केवाईसी के साथ भूमि सीडिंग को अनिवार्य कर दिया गया। इन अनिवार्य मानदंडों को पूरा नहीं करने वाले किसानों के लाभ रोक दिए गए। जैसे ही ये किसान अपनी अनिवार्य आवश्यकताओं को पूरा करते हैं, वे अपनी देय किस्तों, यदि कोई हो, के साथ योजना का लाभ प्राप्त करने के पात्र हो जाते हैं।

 

योजना में किसानों का पंजीकरण एक सतत प्रक्रिया है। किसान पीएम-किसान पोर्टल के माध्यम से स्‍वयं का ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं। ऐसे सभी आवेदनों को उचित सत्यापन के बाद संबंधित राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अनुमोदित किया जाता है। ऐसे मामलों में, जहां आवेदक द्वारा आवश्यक दस्तावेज/विवरण प्रदान नहीं किए जाते हैं, उन आवेदनों को राज्य/केंद्र शासित प्रदेश की सरकारें अस्वीकार कर देती हैं। राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा इसे मंजूरी दिए जाने के बाद विभाग द्वारा लाभ की प्रक्रिया तुरंत शुरू की जाती है और इसे अगली किस्त में जारी किया जाता है।

पीएम-किसान योजना के अंतर्गत छोटे और सीमांत किसानों सहित सभी भूमिधारक किसान अपनी भूमि के आकार की परवाह किए बिना लाभ प्राप्त करने के पात्र हैं।

वर्तमान में इस योजना को काश्तकारों तक बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है।

 

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