गौचर में विकास प्राधिकरण का जिन्न फिर निकला बाहर ; मकानों के होने लगे चालान
–गौचर से दिग्पाल गुसांईं-
विकास प्राधिकरण का जिन्न एक बार फिर से बाहर निकल आया है। इसके तहत पुरानी मकानों का चालान किए जाने से लोगों में भारी नाराजगी देखने को मिल रही है।
वर्ष 1985 गौचर के सात गांवों को मिलाकर नगर पंचायत बनाया गया था। 1989 में इसका पहले बोर्ड का गठन हुआ था। इसके कुछ सालों बाद यहां रेगुलेटेड एरिया घोषित किया गया था। तब पालिका क्षेत्र में भवनों के निर्माण के लिए नक्से का प्रावधान किया गया था। यह नियम भी ज्यादा दिन नहीं चल पाया था। इसके पश्चात वर्ष 2000 में बीस वर्षीय महा योजना लागू की गई तो इसमें भी रेगुलेटेड एरिया जैसे प्रावधान किए गए, लेकिन यह योजना भी अमल में लाए वगैर 2020 में समाप्त हो गई।
इन बीस सालों में इस क्षेत्र में अंधाधुंध भवनों का निर्माण होने से इस कस्बे ने नगर का रुप धारण कर लिया है। हरीश रावत की सरकार ने अन्य क्षेत्रों के साथ ही गौचर में भी विकास प्राधिकरण योजना लागू की तो इसका चारों ओर विरोध होने से त्रिवेन्द्र रावत की सरकार ने इस योजना को हांसिए पर डाल देने से लोगों ने राहत की सांस ली थी।
अब वर्तमान सरकार ने एक बार पुनः विकास प्राधिकरण के नियमों को सख्ती से लागू करने से लोगों में नाराजगी भी देखने को मिल रही है। इस योजना के तहत भवन बनाने से पहले नक्से की कार्यवाही करने का प्रावधान करना आवश्यक है। लेकिन हवाई पट्टी के दोनों ओर 50 मीटर पर किसी भी प्रकार के निर्माण पर लगे प्रतिबंध के बाद राष्ट्रीय राजमार्ग के नगरीय क्षेत्र में सेंटर से 8 मीटर तथा ग्रामीण क्षेत्र में 12 मीटर के प्रतिबंध के बाद अब निर्माणाधीन रेल लाइन से 400 मीटर तक किसी भी निर्माण व खरीद फरोख्त पर प्रतिबंध से पालिका क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में भवनों का नक्सा पास कराना संभव ही नहीं है। अब विकास प्राधिकरण के तहत भले ही नक्से पास न हो रहे हों लेकिन बने बनाए भवनों का चालान करने से लोगों में सरकार के प्रति नाराजगी भी देखने को मिल रही है।
कांग्रेस नगर अध्यक्ष सुनील पंवार का कहना है कि गौचर पालिका क्षेत्र में चारों ओर प्रतिबंध लगाए जाने से क्षेत्र वासियों की मुस्किलें बढ़ गई है। उनका कहना है कि जिन लोगों ने भवन बनाने के लिए जमीन खरीदी थी अब इन प्रतिबंधों की वजह से वे मकान बना ही नहीं सकते हैं।इस तरह से उसकी कमाई का पैसा बर्बाद हो गया है। विकास प्राधिकरण के प्रावधानों के तहत निर्माण के समय ही लोगों को नक्सा बनाने को कहा जाना चाहिए। बने हुए भवनों का चालान करने का कोई औचित्य नहीं है। इसका घोर विरोध किया जाएगा। निकाय चुनाव में इसको मुद्दा बनाया जाएगा।
गौ सेवा आयोग के सदस्य पूर्व डी पी सी सदस्य अनिल नेगी का कहना है विकास प्राधिकरण से लोगों को हो रही परेशानी से विधायक अनिल नौटियाल द्वारा सांसद अनिल बलूनी को भी अवगत करा दिया गया है। शीघ्र जिलाधिकारी से भी वार्ता की जाएगी। आवश्यकता पड़ी तो मुख्यमंत्री के संज्ञान भी लाया जाएगा।