चमोली के युवा हितेश ने लगातार दूसरी बार जीती विश्व की कठिन और रोचक खरदूंगला पास की दौड़

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-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट –
थराली, 11 सितम्बर। विश्व की सबसे कठिन एवं रोचक दौड़ों में सुमार खारदुंगला पास की लगातार दूसरी बार चमोली जिले के एक युवा पर्वतारोही हितेश कुनियाल ने फते कर जिले एवं राज्य का नाम रोशन किया है।

चमोली के विकासखंड देवाल के मल्ला निवासी हितेश कुनियाल ने लद्दाख के खारदुंगला पास (17, 618 फीट) में हुई विश्व की सबसे ऊंची, मुश्किल एवं रोचक दौड़ में हिस्सा लेते हुए लगातार दूसरी बार द हिमालय खारदुंगला चैलेंज- 72 किमी की दौड़ को सफलता पूर्वक पूरा कर अपनी काबिलियत को बरकरार रखा।इस वर्ष विश्व भर से 270 धावकों ने इसमे हिस्सा लिया। जिसमे विदेशी धरती जापान से सर्वाधिक 32 धवकों ने भाग लिया।

इसके अलावा जर्मनी, रोमानिया आदि देशों के धावकों ने भी इस दौड़ में शिरकत की। जहां अन्य धावकों को इस दौड़ को पूरा करने में 12 से 13 घंटे तक लग जाते हैं, वही हितेश ने इस दौड़ को 10 घंटे 40 मिनट में पूरी की। दौड़ 8 सितंबर की तड़के 3 बजे शुरू हुई। दौड़ उस समय शुरू हुई जब लद्दाख के उस क्षेत्र का तापमान मात्र 1 डिग्री सेल्सियस था।और जैसे-जैसे धावाक हितेश ऊपर चढ़ाता रहा तों उस क्षेत्र का तापमान शून्य डिग्री से भी नीचे गिरता रहा। किंतु हितेश ने अपनी दौड़ जारी रखते रखी और 17618 फिट की ऊंचाई पर स्थित खारदुंगला की दौड़ में सफलता हासिल की।

हितेश बताते हैं कि इतनी अधिक ऊचाई पर दौड़ कर आगे बढ़ना काफी चुनौतीपूर्ण होता। ऊंचाई पर जहां सांस लेने में बहुत अधिक कठनाई होती है क्यूंकि इस क्षेत्र में आक्सीजन की काफी कमी है। जिसके चलते आम तौर पर धावकों को चक्कर आ जाता हैं। इसके अलावा सर दर्द, उल्टी जैसी समस्याओं से भी जूझना पड़ता हैं। जिससे काफी संख्या में प्रतिभागी धावकों को मजबूरन आधे से ही लौट जाना पड़ता हैं। बताया कि पिछले वर्ष की सफलता के बाद भी वें लगातार अपनी प्रेक्टिस को जारी रखें थें जिसकी वजह से इस वर्ष की दौड़ में भी उन्हें लगातार दूसरी बार भी सफलता हासिल हुई हैं। हितेश की इस सफलता से जिले के साथ ही राज्य का भी नाम रोशन हो रहा हैं।
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हितेश कुनियाल इन दिनों इवोन टेक्नोलॉजी देहरादून में कार्यरत हैं। वें उच्च हिमालई क्षेत्र में बेहतर धावाक के अलावा एक बेहतरीन समाजसेवी भी हैं। पिछले दो वर्षों से उनकी संस्था द पीपल्स ग्रुप राज्य के अंदर सामाजिक कार्यों के तहत पशु क्रूरता के प्रति लोगों को जागरूक करने, पर्यावरण संरक्षण के अंतर्गत वृक्षारोपण, स्वछता अभियान, गरीब बच्चों की शिक्षा एवं पहाड़ के विद्यालयों की दशा एवं दिशा सुधारने के तहत पुस्तकालयों की स्थापना करने सहित कई अन्य सामाजिक गतिविधियों में कार्य कर रही हैं।

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