पट्टे की आड़ में खोह नदी में पट्टे से बाहर हो रहा है अवैध खनन
कोटद्वार, 26 दिसंबर। स्थानीय प्रशासन की शह पर यहां पूर्वी खोह नदी में खनन माफियाओं द्वारा खुलेआम रात-दिन पट्टे की आड़ में पट्टे से बाहर जाकर अवैध रुप से रेत, बजरी व पत्थरों का चुगान किया जा रहा है, जिसके चलते नदी के किनारे बसे लोगों और उनकी भूमि को आगामी बरसात में बाढ का खतरा पैदा होता जा रहा है।
अवैध खनन के चलते ही पूर्व में बाढ की चपेट में आकर कई मकान खोह नदी में समा चुके हैं। इसके बावजूद भी स्थानीय प्रशासन आंखें बंद किए हुए बैठा है। प्रजापति नगर और झूलापुल बस्ती की एक दर्जन से अधिक ट्रैक्टर ट्रालियां खुलेआम ओवर लोड खनन भरकर दिन-रात सड़कों पर मौत बनकर दौड़ रही हैं।
इनमें कई ट्रेक्टर ट्रालियां टैक्स पैड नहीं है, जो परिवहन विभाग के संरक्षण में अवैध रुप से संचालित की जा रही हैं। इसके अलावा कुछ ट्रैक्टर ट्रालियों में दो से ढाई फिट ऊंचे तख्ते लगाकर उनमें ओवर लोड खनन भरा जा रहा है और कोटद्वार का परिवहन विभाग कहां है, इस पर भी सवाल उठने लगे हैं। खनन माफिया ट्रैक्टर ट्रालियों में तिरपाल व पन्नी के नीचे खनन भरकर ढो रहे हैं ताकि खनन दिखाई न दे।
बताया जाता है कि खोह नदी में झूलापुल से नीचे मात्र लगभग दो बीघा का पट्टा है, लेकिन खनन माफियाओं द्वारा गूलर पुल तक पट्टे से बाहर जाकर निर्धारित मापदंडों का उल्लंघन कर अवैध रूप से खनन किया जा रहा है। आज तहसील प्रशासन ने भी खोह नदी में छापेमारी की, जिससे खनन माफियाओं में हड़कंप मच गया। इससे पूर्व ये खनन माफिया ग्रासटनगंज स्थित हैलीपेड से भी भारी मात्रा में अवैध खनन करवा चुका है।
चर्चा है कि खनन से जुड़े नगर में ऊंची पहुंच रखने वाले एक रसूखदार का कहना है कि स्थानीय प्रशासन को तो हम जेब में रखकर घूमते हैं। यही कारण है कि खनन माफियाओं के हौसले बुलंद हैं। दो हफ्ते पूर्व भी खोह नदी में खनन किया गया था, लेकिन इसे बंद करा दिया गया था। बुधवार से फिर शुरू हो गया है। पूर्व सैनिक संगठन के महेंद्र सिंह रावत ने जिला प्रशासन से खोह नदी में पट्टे की आड़ में हो रहे अवैध खनन को तत्काल रोकने की मांग की है।