अब जाली नंदा तूं, शिव का कैलाशौं ; राजराजेश्वरी लोकजात का जागर गीत एलबम जारी
-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट-
थराली, 8 सितम्बर। अब जाली नंदा तूं, शिव का कैलाशौं..,हिवाला कैलाशौं.., देवी चौखंबा उकालों..जैसे आनंदमयी स्वर श्री नंदा देवी राजराजेश्वरी लोकजात यात्रा के दौरान पिंडर घाटी के गांव, गांव एवं यात्रा मार्ग में सुनने को मिलेंगे।
दरअसल उत्तराखंड की प्रथम कथावाचिका राधिका जोशी “केदारखंड़ी” के द्वारा (हिंवाल की नंदा) जागर गीत एलबम जारी की हैं। एलबम का संपादन पंकज डबराल ने किया है जबकि स्वयंम केदारखंड़ी ने इसमें अपनी आवाज दी हैं, जबकि संगीत ज्योति प्रकाश पंत,बोल शौर्य प्रताप ठाकुर,कौरस में ऋषिराज एवं प्रेरणा सामिल है। जबकि एलबम के निर्माता नवीन जोशी हैं।
नवीन जोशी ने बताया कि इस एलबम में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाली नंदा सिद्वपीठ कुरूड से शुरू होने वाली श्री नंदादेवी राजराजेश्वरी लोकजात के पहले पड़ाव से लेकर वेदनी बुग्याल में सप्तमी के दिन होने वाली जात ( नंदा भगवती) की विशेष पूजा के बाद वेदनी से वापसी के पहले पड़ाव बांक गांव से लेकर यात्रा के अंतिम पड़ाव नंदा सिद्वपीठ देवराड़ा में नंदादेवी के उत्साह डोली के के मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होने तक की जानकारी गीतों के माध्यम से जानकारी दी गई हैं।
इसमें यात्रा के पड़ावों वाले गांवों, यात्रा मार्ग पर पड़ने वाले गांवों के संबंध में जानकारियां दी गई हैं। उन्होने बताया कि 14.39 मिनट के एलबम में शुरुआत अब जाली नंदा तू ,शिव का कैलाशौं से की गई हैं। जबकि लियाली,लियाली नंदा रे बासां लियाली देवराड़ा थान बार में बैठी गें, पर समापन किया गया है। अब जबकि नंदा लोकजात यात्रा की शुरुआत हो चुकी हैं, तों मानना जा रहा हैं कि बधाण की नंदा के यात्रा मार्ग पर हिंवाल की नंदा के गीत गांव -गांव सुनाई पड़ेगे। इससे पूरा क्षेत्र नंदामय हो जाएगा।