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एनजीटी के नोटिस से स्टोन क्रशर संचालक और प्रशासन में मची हड़कंप ; थराली की फिजा कर दी थी खराब

-रिपोर्ट हरेंद्र बिष्ट-

थराली, 1 जुलाई । तो अब कस सकते हैं लगातार विवादों में बने रहे अभ्युदय स्टोन क्रशर के पेंच। क्रशर संचालन में बरती जा रही अनियमित्ताओं का संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने क्रशर के संचालन की सुनवाई की तिथि17 सितंबर को तय करते हुए सदस्य सचिव उत्तराखंड प्रदूषण बोर्ड, जिलाधिकारी एवं क्रशर संचालक को बकायदा नोटिस जारी कर दिए हैं।

थराली-कुलसारी के बीच सोनला में स्थापित अभ्युदय स्टोन क्रशर पर समय-समय पर नियम-कानूनों को ताक पर रख कर क्रशर का का मनमाने तरीके से संचालन करने, उप खनिजों के उठान से लेकर भंडारण एवं उपभोक्ताओं को मनमाने दामों में रेत, गिट्टी दिए जाने सहित तमाम अन्य आरोप लगते आए हैं। किंतु संचालक अपनी ऊंची पहुंच के बलबूते धड़ल्ले से संचालन करते आ रहे हैं। शिकायतों का संचालन पर कोई असर नही पड़ है।

इस बार एक शिकायत सीधे एनजीटी के पास पहुंची हैं। शिकायतकर्ता गोपाल चंद्र वनवासी ने एनजीटी को एक शिकायती पत्र भेजा हैं। जिसमें क्रशर संचालन में पर्यावरणीय मानदंडों एवं ट्राब्यूनल के आदेशों का खुलेआम उल्लघंन करने, क्रशर का गंदा पानी सीधे पिंडर नदी में डालें जाने, खनन के नियमों का उल्लघंन करने सहित तमाम आरोप लगाएं हैं।

जिस पर इसी वर्ष 29 मई को एनजीटी की प्रधान पीठ नई दिल्ली में न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अध्यक्षता वाली पीठ ने जिसमें न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरूण कुमार त्यागी एवं विशेषज्ञ सदस्य डॉ ए सेंथिल वेल ने शिकायत पत्र पर संज्ञान लेते हुए सदस्य सचिव उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जिला मजिस्ट्रेट बागेश्वर एवं अभ्युदय स्टोन क्रशर संचालक को नोटिस जारी करते हुए 17 सितंबर को सुनवाई की तिथि निर्धारित करते हुए सदस्य सचिव उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को अभ्युदय स्टोन क्रशर इकाई द्वारा मानदंडों के अनुपालन और पत्र याचिका में लगाए गए आरोपों की सत्यता की जांच कर सुनवाई की तिथि से एक सप्ताह पूर्व एनजीटी की प्रधान पीठ को ईमेल अथवा अन्य तरीके से उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए हैं। सुनवाई की तिथि तय होने एवं उसके द्वारा दिए गए कड़े निर्देशों के चलते क्रशर संचालक एवं प्रशासन में हड़कंप मच गया हैं।

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जिस स्थान पर अभ्युदय स्टोन क्रशर का संचालन किया जा रहा है वह चमोली जिले के अंतर्गत आता हैं किन्तु राष्ट्रीय हरित अधिकरण की प्रधान पीठ नई दिल्ली ने जिला मजिस्ट्रेट चमोली को नोटिस जारी करने के बजाय कुमाऊं मंडल के बागेश्वर जिले के जिला मजिस्ट्रेट को पार्टी बनाते हुए उन्हें नोटिस जारी कर दिया हैं।

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एनजीटी में क्रशर के संचालन में बरती जा रही अनियमित्ताओं की शिकायत पर विगत दिनों जिला खनन अधिकारी, तहसीलदार थराली एवं राजस्व विभाग की एक संयुक्त टीम ने क्रशर की संपूर्ण जांच की हैं।खनन अधिकारी से अभी तक उन्हें जांच रिपोर्ट नही मिली है जांच रिपोर्ट मिलते ही उसे जिलाधिकारी को भेज दिया जाएगा।जांच रिपोर्ट के बाद ही क्रशर संचालन की खामियों का पता लग पाएगा।
अबरार अहमद
उपजिलाधिकारी थराली

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