आईए एंड सी द्वारा 8 से 11 सितम्बर तक प्रगति मैदान में फोटो प्रदर्शिनी का आयोजन

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नई दिल्ली  से वाई एस बिष्ट
इन्क्रेडिबल आर्ट एंड कल्चर द्वारा नेशनल क्राफ्ट इंपोरियम एंड हस्तकला एकेडमी, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में फोटो प्रदर्शिनी का आयोजन किया गया है। यह फोटो प्रदर्शिनी 8 सितम्बर से 11 सितम्बर 2022 तक चलेगी तथा 38 लोगों ने इस फोटो प्रदर्शिनी में प्रतिभाग किया है।
इस फोटो प्रदर्शिनी का उद्घाटन पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रसाद शुक्ला, वस्त्र मंत्रालय, सचिव, उपेंद्र प्रसाद सिंह, इन्क्रेडिबल आर्ट एंड कल्चर की चेयरपर्सन एवं डारेक्टर रमा उप्रेती, आईए एंड सी के फाउंडर एंड डारेक्टर तारा चंद उप्रेती, आईए एंड सी के क्यूरेटर आशीष मिश्रा, एयर मार्शल (रि.) वीपीएस राणा ने किया।

इस अवसर पर पूर्व केंद्रीय मंत्री शिव प्रसाद शुक्ला ने कहा कि भारत की कला और संस्कृति का बड़ा गौरवशाली इतिहास है जिसे दुनियाभर में पहचाना और सराहा जाता है। हालांकि, हमारी प्रतिभा और रचनात्मकता की क्षमता का पता लगाया जाना और विकसित होना बाकी है। लाखों कलाकार हमारे देश में हैं जिन्हें ऐसे अवसरों से आगे बढ़ने का मौका और प्रेरणा मिलती है।
कार्याक्रम को संबोधित करते हुए वस्त्र मंत्रालय में सचिव, उपेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि मैं यहां आये सभी लोगों का स्वागत करता हूं। उन्होंने अपनी पुरानी बात को याद करते हुए कहा कि जब वह पढ़ाई कर रहे थे तो उस समय सबसे कम नंबर उनके आर्ट में ही आये थे। उन्होंने यहां आये सभी लोगों से अपील की कि ज्यादा से ज्यादा लोग इस प्रदर्शिनी को देखने के लिए आयें तभी तो लोगों को इस कला के बारे में पता चलेगा। उन्होंने कहा कि नेशनल क्राफ्ट इंपोरियम एंड हस्तकला एकेडमी भारत की एक बहुत पुरानी एकेडमी है और हम लोग इसका ज्यादा प्रचार प्रसार नहीं कर पायें हैं जैसा कि हमको करना चाहिए था। उपें्रद्र प्रसाद ने सभी लोगों से अपील की कि ज्यादा से ज्यादा लोग ऐसी प्रदर्शिनी का सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार प्रसार करें।

इस अवसर पर आईएसी के फाउंडर एंड डारेक्टर ने कहा कि कोरोना के कारण लॉकडाउन में बड़ी संख्या में लोगों के रोजगार छूट गये उन लोगों को काफी नुकसान हुआ जिनके आय के निश्चित स्रोत नहीं थे। दरअसल, लॉकडाउन के दौरान किसी भी सार्वजनिक प्रदर्शन, धार्मिक और सामाजिक समारोहों को रोकने के लिए सख्त कानूनों के कारण ऐसे लोगों के आय के लगभग सभी स्रोत बंद हो गए हैं। आईए एंड सी फाउंडेशन ने इन कलाकारों को लॉकडाउन के दिनों में एक ई-मंच (पहाड़ी मंच) प्रदान किया है। फाउंडेशन का विचार सरल और काफी प्रभावी है। उन्होंने सबसे पहले प्रभावित कलाकारों की पहचान की और लॉकडाउन में यात्रा पर प्रतिबंध को देखते हुए उनसे अपने प्रदर्शन के वीडियो शूट करने और भेजने के लिए कहा। इन वीडियो को फेसबुक और यूट्यूब जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया गया। इन सभी कलाकारों को उनके प्रदर्शन के लिए एक शुल्क का भुगतान किया गया। फाउंडेशन ने समाज के सभी वर्गों से मिले भारी समर्थन के लिए शुक्रिया अदा किया है।

गौरतलब रहे कि आईए एंड सी फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन है, जिसे कला और संस्कृति को बढ़ावा देने और बड़े पैमाने पर सामाजिक लाभ के लिए काम करने के लिए एक मिशन के साथ स्थापित किया गया है। कला को एक माध्यम के रूप में उपयोग करना, सामाजिक और सांस्कृतिक संदेशों को फैलाने के लिए विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों का पता लगाने और विशेष रूप से युवाओं में शिक्षा और ज्ञान की पहुंच में सुधार करना इसका उद्देश्य है।

जिन कलाकारों की फोटो इस फोटो प्रदर्शिनी में लगाई गई है उनके नाम इस प्रकार से हैं विजेंद्र शर्मा, नवल किशोर, रंजीत सरकार, डॉ चिराग उप्रेती, भूपेंद्र दुत्ती, आनंद कुमार, रूप चंद, निशा दयाल, राम प्रवेश पॉल, प्रीति कोडसिया, गीता दास, अलका सिंह सेंगर, रूचि अग्रवाल, सुमन आर्या, जौली शर्मा, डॉ नीरजा चंद्रा पीटरस, सोना शुक्ला, अंजलि कुमार, रेनु उमराव, वत्सला खेड़ा, रूचि शर्मा, मोनिका सिंह, कंचन प्रकाश, प्रतिभा अवस्थी, रीना डी सबलोक, गुंजन द्विवेदी, बीनू गुप्ता, पुष्पेंद्र गौतम, हेमाद्री रमानी, प्रत्युश कुमार, रंजीत कुमार, अशोक कुमार, सीआर हेमब्रम, रामानुज शेखर, सुनील मोदी, जीतेन शाहू, गायत्री टंडन और जागृति कथूरिया हैं।

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