जानिये अपने देहरादून को :भारत छोड़ो आन्दोलन स्वतन्त्रता सैनानी इन्द्रेश चरण एवं नीलाम्बर पन्त
-अनंत आकाश
स्वाधीनता अन्दोलन में देहरादून और देहरादून के नेताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इसी देहरादून से राजा महेन्द्र प्रताप और रस विहारी बोस जैसे क्रांतिकारी तथा मानवेन्द्र नाथ राय जैसे अंतर्राष्ट्रीय ख्याति विचारक जुड़े रहे। यह देहरादून नरदेव शास्त्री और महावीर त्यागी की कर्मभूमि रही।
9 अगस्त 1942 भारत छोड़ो आंदोलन का असर देहरादून में व्यापक था। इस आन्दोलन में इन्द्रेश चरण दास तथा नीलाम्बर पन्त आदि अनेकों स्वतंत्रता संग्राम सैनानियों की महत्वपूर्ण भूमिका थी। आजादी के बाद श्री इन्देश चरण दास देहरादून नगरपालिका के चैयरमैन बने तथा स्वतंत्रता सैनानी श्री पन्त नगरपालिका के सदस्य चुने गये ।
इन्द्रेश चरणदास दरवार साहिब के महन्त बने जिन्होने शिक्षा, स्वास्थ्य तथा रोजगार के लिये अपना ऐतिहासिक योगदान दिया ,वे आजादी के आन्दोलन में क्रान्तिकारियों की मदद करते रहे ,वे छात्र आन्दोलन के दौरान इलाहाबाद के नैनी जेल में भी बन्द रहे ।
स्वाभिमानी नीलाम्बर पन्तजी ने स्वतंत्रता सैनानी होने के बावजूद पेन्शन एवं कोई सरकारी सुविधा नहीं ली , नहीं उनकी पत्नी श्रीमती तारादेवी ने इसके लिये ही आवेदन किया ।वे आजीवन अपने पति के सिध्दान्तों के प्रति प्रतिबध्द रहीं ।
झण्डा मौहल्ला निवासी पन्तजी का जन्म 23 सितम्बर 023को गौरीदत्त पन्तजी के घर में हुआ ,स्वाभिमानी पन्तजी के दिलो दिमाग में बचपन से देशभक्ति कूट कूटकर भरी हुई थी । जिस कारण उन्हे अनेकों बार स्कूल में सजा मिली , किन्तु उन्होंने मुड़कर कभी पीछे नहीं देखा ,उन्होने इलाहबाद से स्नातक की डिग्री हासिल की ।
उनका निधन 1996 में हुआ । खुले दिमाग के होने के नाते सभी विचारधारा के लोग उनके इर्दगिर्द होते थे । हम भी कामरेड राकेश पन्त के वैचारिक साथी होने के नाते अक्सर उनके घर जाते रहे हैं। परिवार की खासियत थी कि मेहमानों की खातिरदारी में कोई भी कोर कसर नहीं होती थी । आज भी पन्तजी का भरा पूरा परिवार झण्डा मौहल्ले के पैतृक निवास पर रह रहा ।आजादी के इन क्रान्तिबीरों को शत् शत् नमन ।
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अनन्त आकाश
9410365899