वैज्ञानिकों ने प्रकाश संबंधी लचीली बायोडिग्रेडेबल पॉलिमर-नैनोकम्पोजिट फिल्म बनी ; एलईडी आदि जैसे प्रकाश संबंधी उपकरणों में आएगी काम
Polymers have become an indispensable part of our daily life. However, different engineering applications demand highly flexible and optically active polymers. In this regard, numerous methodologies have been adopted to improve the properties of polymeric materials by using suitable nanomaterials. The nanomaterials are known to enhance the properties of the polymers keeping the inherent properties of the polymers intact. Scientists have reported that polyvinyl alcohol (PVA) is one of the most widely studied synthetic biodegradable polymers having good film-forming and excellent mechanical properties. Moreover, its optical and mechanical properties can be tuned by incorporating suitable nanomaterials.
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शोधकर्ताओं ने उत्कृष्ट यांत्रिक गुणों वाली प्रकाश संबंधी एक सक्रिय बायोडिग्रेडेबल नैनोकम्पोजिट फिल्म बनाई है जिसका उपयोग लचीले डिस्प्ले, लचीले ऑर्गेगिक एलईडी आदि जैसे प्रकाश संबंधी लचीले उपकरणों के रूप में किया जा सकता है।
पॉलिमर हमारे दैनिक जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा बन गए हैं। हालाँकि, विभिन्न इंजीनियरिंग एप्लीकेशनों के लिए अत्यधिक लचीले और ऑप्टिकली सक्रिय पॉलिमर की आवश्यकता होती है। इस संबंध में, उपयुक्त नैनोमटेरियल का उपयोग करके पॉलिमर सामग्री के गुणों में सुधार करने के लिए अनेक पद्धतियां अपनाई गई हैं। नैनोमटेरियल्स को पॉलिमर के अंतर्निहित गुणों को बरकरार रखते हुए पॉलिमर के गुण बढ़ाने के लिए जाना जाता है। वैज्ञानिकों ने बताया कि पॉलीविनाइल अल्कोहल (पीवीए) सबसे व्यापक रूप से अध्ययन किए गए सिंथेटिक बायोडिग्रेडेबल पॉलिमर में से एक है जिसमें अच्छी फिल्म बनाने के और उत्कृष्ट यांत्रिक गुण हैं। इसके अलावा, इसके ऑप्टिकल और मैकेनिकल गुणों को उपयुक्त नैनोमटेरियल्स को शामिल करके ट्यून किया जा सकता है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के तहत पूर्वोत्तर के एक स्वायत्तशासी संस्थान, इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएएसएसटी), गुवाहाटी के भौतिक विज्ञान प्रभाग के एक शोध समूह ने एक बायोडिग्रेडेबल पीवीए-सीयूओ नैनोकम्पोजिट फिल्म बनाई है। एक सुस्पष्ट समाधान कास्टिंग तकनीक का उपयोग करते हुए, जहां सीयू नमक विभिन्न ताप उपचार के अंतर्गत सीयूओ नैनोकणों के निर्माण के लिए पूर्व लक्षण के रूप में यथावत उपयोग किया जाता है।
इस अनुसंधान समूह का नेतृत्व एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सारथी कुंडू के साथ-साथ जूनियर रिसर्च फेलो (जेआरएफ) के रूप में कार्यरत श्री सैय्यद अखिरुल अली द्वारा किया जा रहा है। उनके परीक्षणों ने विभिन्न ताप उपचारों के तहत नैनोकम्पोजिट फिल्मों के बेहतर ऑप्टिकल, यांत्रिक और रोगाणुरोधी गुणों को साबित किया है। गर्मी के प्रबंध के तहत पॉलिमर मैट्रिक्स के अंदर सीयूओ नैनोकणों के गठन की पुष्टि विभिन्न स्पेक्ट्रोस्कोपिक और सूक्ष्म तकनीकों द्वारा की जाती है। यांत्रिक गुणों के मूल्यांकन ने 39 एमपीए तक की लचीली शक्ति और कॉपर क्लोराइड लोडिंग के साथ 169 प्रतिशत लचीलेपन के साथ अत्यधिक लचीली और मजबूत नैनोकम्पोजिट फिल्म के निर्माण को मान्य किया।
हाल ही में कोलाइड्स एंड सर्फेस ए: फिज़िकोकेमिकल एंड इंजीनियरिंग एस्पेक्ट्स जर्नल में प्रकाशित हीट ट्रीटमेंट विधि के बाद सरल समाधान कास्टिंग तकनीक द्वारा निर्मित पीवीए-सीयूओ नैनोकम्पोजिट फिल्म का उपयोग एक प्रकाश संबंधी लचीले उपकरण के रूप में किया जा सकता है।