क्षेत्रीय समाचारचुनाव

गौचर पालिका अध्यक्ष पद के लिए त्रिकोणीय मुकाबला नजर आ रहा है इस बार

-गौचर से दिग्पाल गुसांईं-
निकाय चुनाव के लिए मतदान के लिए अब चंद घंटे शेष रह गए हैं। लेकिन गौचर नगर पालिका के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन जिस प्रकार से निर्दलीय व दोनों राष्ट्रीय पार्टियों की रैली व जनसभा में जनता का शैलाब उमड़ा इससे अंदाजा लगाना तो बहुत मुश्किल है लेकिन विधायक अनिल नौटियाल व कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकेश नेगी की साख भी दांव पर लगी हुई है।

जनपद चमोली की गौचर नगरपालिका में 8516 मतदाता पंजीकृत हैं। इस बार अध्यक्ष पद अनारक्षित होने से कांग्रेस ने पूर्व मंडी समिति अध्यक्ष संदीप नेगी को मैदान में उतारा है। तो भाजपा ने तीन बार विभिन्न वार्डों से सदस्य के लिए विजय प्राप्त करने वाले अनिल नेगी पर दांव लगाया है।

कांग्रेस से टिकट न मिलने से नाराज़ नगर अध्यक्ष रहे सुनील पंवार ने भी पूरे दमखम से चुनाव प्रचार किया। कर्णप्रयाग के विधायक अनिल नौटियाल व कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुकेश नेगी का घर पालिका क्षेत्र के एक ही वार्ड में है।

अनिल नेगी को विधायक का तो संदीप नेगी को मुकेश नेगी की इच्छा पर ही मैदान में उतारा गया बताया जा रहा है। इससे जहां कांग्रेस से नाराज़ होकर सुनील पंवार के मैदान में उतरने से जहां कांग्रेस को तो भाजपा से टिकट न मिलने से निवर्तमान पालिका अध्यक्ष अंजू बिष्ट के पति जयकृत बिष्ट भी भाजपा से नाराज़ बताए जा रहे हैं। हालांकि उन्होंने चुनाव प्रचार से अपने को पूरी तरह अलग रखा लेकिन उनकी नाराजगी क्या गुल खिलाती है यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा। इस बार का चुनाव रोचक स्थिति में भी देखने को मिला।

भाजपा से जहां काबिना मंत्री धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत, गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी के साथ ही रुद्रप्रयाग के विधायक भरत चौधरी, कर्णप्रयाग के विधायक अनिल नौटियाल आदि ने गली मोहल्लों में घुसकर जनता से वोट की अपील की तो कांग्रेस के लिए डा हरक सिंह रावत ही एक दिन प्रचार के लिए यहां पहुंचे थे बाकी दिनों में मुकेश नेगी के नाम पर वोट मांगने का काम किया गया। प्रचार के अंतिम दिन 21 जनवरी को निर्दलीय प्रत्याशी सुनील पंवार की जनसभा व रैली में जिस प्रकार से जनता का शैलाब उमड़ा इससे उनको भी कमकर नहीं आंका जा सकता है।

22 जनवरी को कांग्रेस व भाजपा की रैली में उमड़ी भीड़ ने भी खुफिया एजेंसियों को पशोपेश में डाल दिया है। वे भी यह बताने की स्थिति में नहीं दिखाई दे रहे हैं कि कौन आगे है। चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्यासियों ने जहां पंपलेट, पोस्टर,झंडे, बैनरों पर खूब पैसा बहाया वहीं एक निर्दलीय प्रत्याशी प्रवेंद्र कुमार ने सीमित संसाधनों से स्वयं घर घर जाकर घंटी बजाकर लोगों से वोट की अपील की चूंकि उसका चुनाव निशान घंटी है।

राजनीति में दखल रखने वाले लोगों का कहना है कि इस बार का चुनाव त्रिकोणीय बना हुआ है। कइयों का कहना है कहीं टास की नौबत न आ जाए। बहरहाल क्षेत्र की जनता किसके सिर पर ताज पहनाती है यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा लेकिन एक बात तो साफ हो गई है कि विधायक अनिल नौटियाल व कांग्रेस जिलाध्यक्ष मुकेश नेगी की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है।

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