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डिजिटल युग में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रताः भारतीय परिप्रेक्ष्य में चुनौतियां एवं संभावनाएं पर गोष्ठी

नरेन्द्रनगर, 18 नवंबर (उ हि)।धर्मानन्द उनियाल राजकीय महाविद्यालय नरेन्द्रनगरके पत्रकारिता एवं जन संचार विभाग द्वारा राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर ‘डिजिटल युग में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रताः भारतीय परिप्रेक्ष्य में चुनौतियां एवं संभावनाएं‘ विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें पत्रकारिता के अकादमिक पक्ष और व्यावहारिक पक्ष पर उपस्थित सभी ने अपने विचार व्यक्त किये।

संगोष्ठी के संरक्षक एवं महाविद्यालय प्राचार्य प्रो0 राजेश कुमार उभान ने कार्यक्रम में सभी को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस की बधाई देते हुए कहा कि सरकारों को पत्रकारों के हितों को ध्यान में रखकर उनके लिए उचित मानदेय संबंधी नियमन को बनाना चाहिए ताकि उनका भविष्य उज्जवल और सुरक्षित रहे।

कुमांऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से डॉ0 पूनम बिष्ट ने गूगल मीट के माध्यम से अपने विचार रखते हुए कहा कि वर्तमान युग डिजिठल का है जिसे सावधानीपूर्वक प्रयोग में लाया जाना चाहिए क्योंकि एक ओर तो इस माध्यम पर लोग अपनी अभिव्यक्ति आसानी से करते है तो वहीं वे कहीं न कहीं इसकी वर्जनाओं का उल्लंघन भी करते हैं।
कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से जुडे बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के पत्रकारिता विभाग से डॉ0 ए0के0 सिंह ने वर्तमान में डिजिटल माध्यम को भ्रामक जानकारियों के प्रचार का ज़रिया बताते हुए संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता के अधिकार के डिजिटल युग में लाभ व हानियों के बारें में विस्तार से चर्चा की।
वहीं मल्टीमीडिया पत्रकार वाचस्पति रयाल ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को प्रेस की स्वतंत्रता का आधार बताया और पत्रकारिता के लिए इस अधिकार के प्रयोग में सावधानी बरते जाने की बात कही।
तीर्थचेतना समाचारपत्र के संपादक सुदीप पंचभैय्या ने कहा कि डिजिटल मीडिया काफी तेज है जिस पर सभी लोग अपने अपने तरीके से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का प्रयोग कर रहे हैं परन्तु यह स्वतन्त्रता किसी किसी मामलें में व्यक्ति की निजता में हस्तक्षेप करने जैसा है इसलिए यहां आम आदमी के सााि ही पत्रकार को भी अपने दायरे में अपने कर्तव्य बोध में रह कर इस स्वतंत्रता का प्रयोग करना चाहिए।
कार्यक्रम की आयोजक और पत्रकारिता विभाग की प्रभारी डॉ0 सृचना सचदेवा ने कहा कि वर्तमान युग तेज़ी से बदल रहा है और भविष्य में डिजिटलीकरण और व्यापक होगा जिसके चलते ऑनलाइन क्रियाकलापों में भी तेजी आयेगी और फिर पत्रकारिता और आम आदमी की टिप्पणी के बीच का भेद और भी धुंधला जाएगा। ऐसे में मीडिया लिटरेसी महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्जवलन और सरस्वती वंदना के साथ की गई। इस अवसर पर अतिथियों द्वारा महाविद्यालय परिसर में पौधारोपण भी किया गया। सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर निबंध लेखन, पोस्टर मेकिंग, और प्रश्नोत्तरी का भी आयेाजन किया गया जिसमें निबंध लेखन में प्रिंस पुहाल विजेता रहे। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में ऋिषिका, शिवम और नेहा सोनी ने क्रमशः प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त किया।
कार्यक्रम के अन्त में डॉ0 विक्रम सिंह बर्त्वाल, आयोजन सचिव ने सभी का आभार व्यक्त किया। मंच का संचालन डॉ0 सृचना सचदेवा ने किया। कार्यक्रम के आयोजक मंडल डॉ0 नताशा, डॉ0 हिमांशु जोशी, डॉ0 जितेन्द्र नौटियाल, डॉ0 विजय प्रकाश और विशाल त्यागी ने सक्रिय भूमिका निभायी। कार्यक्रम में डॉ0 सपना कश्यप, डॉ0 यू0सी0 मैठाणी, डॉ0 संजय सिंह, डॉ0 शैलजा रावत, डॉ0 ईरा सिंह, डॉ0 सोनिया गम्भीर, डॉ0 चंदा नौटियाल, डॉ0 रश्मि उनियाल, डॉ0 ज्योति शैली, डॉ0 राकेश नौटियाल, डॉ0 देवेन्द्र कुमार डॉ0 चेतन भट्ट, शूरवीर दास, आर एस बिष्ट, लक्ष्मी कठैत, शमशेर चौहान, अजय, मनीष के साथ ही सभी छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

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