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जूट की बनी जालियों से रोका जाएगा बुग्यालों में होने वाला भू-कटाव

*बद्रीनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर ने एशिया के बड़े बुग्यालों में सुमार वेदनी में डाली जूट निर्मित जालियां।*

–थराली/देवाल से हरेंद्र बिष्ट-

लगातार वेहद खुबसूर किंतु संवेदनशील बुग्यालों में मानवीय हस्तक्षेप बढ़ाने, सहित अन्य कारणों से तेजी के साथ बढ़ रहें भूकटाव को रोकने की वन विभाग ने कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए बद्रीनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर के अंतर्गत एशिया महाद्वीप के बड़े एवं खुबसूरत बुग्यालों में सुमार वेदनी बुग्याल में तेजी के साथ हों रहें भूकटाव को रोकने के जूट रस्सियों से बनी जालों को वैज्ञानिक तरीके से बीछा कर प्रयोग शुरू कर दिया है।

 

प्रयोग सफल होने पर पिंडर घाटी के अन्य बुग्यालों के साथ ही राज्य के ऐसे बुग्यालों में जहां भूकटाव हों रहा है।जूट जालियां लगा कर बुग्यालों की खुबसूरती को कायम रखें जाने के प्रयास किए जाएंगे।
दरअसल पिछले कुछ दशकों से उत्तराखंड के ऐसे बुग्यालों में जहां पर अधिक पानी के स्रोत हैं तेजी के साथ भूमि का कटाव हों रहा है।जोकि प्रति वर्ष बढ़तें ही जा रहें हैं।बढ़ रहें भूकटाव के कारण जहां एक ओर बुग्यालों की खुबसूरती घटती जा रही हैं।वही ढलानों पर भूकटाव, भूस्खलन की शक्ल लेने लगा हैं। जिससे पर्यावरणविदों के साथ ही वन विभाग भी चिंतित होने लगा हैं। भूकटाव का सबसे बढ़ा कर कारण ग्लोबवार्निंग को माना जा रहा है। बुग्यालों में भूकटाव के दायरे बढ़ने के जों भी कारण हों किन्तु विषय चिंतनीय हैं। माना जाता है कि बुग्याली क्षेत्रों में भूकटा रोकने के लिए तार निर्मित वायरक्रेडों को बुग्यालों की संवेदनशीलता को देखते हुए लगाया जाना उपयुक्त नही माना जाता हैं।
ऐसे में बद्रीनाथ वन प्रभाग के द्वारा भूकटाव को रोकने के लिए एक पहल की है। इसके तहत वेदनी में वेदनी कु़ड एवं आसपास के ऐसे स्थानों पर जहां तेजी के साथ भूकटाव हों रहा है वहा पर जूट निर्मित रसीयों से बनी बड़ी-बड़ी जालियों को इस कदर खूंटों की मदद से बिछाया जा रहा है कि भूकटाव की मिट्टी पानी में ना बह सकें।और आने वालें सालों में उसमी अधिकाधिक घास उग जाएं। और कटाव नियंत्रित हों सकें
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*डीएफओ बद्रीनाथ दुबे ने किया वेदनी का निरीक्षण।*

इस संबंध में बद्रीनाथ वन प्रभाग गोपेश्वर के प्रभागीय वनाधिकारी सर्वेश कुमार दुबे ने वन विभाग के एक दल के साथ गत दिनों वेदनी बुग्याल क्षेत्र का व्यापक स्तर पर भ्रमण कर पिछले महीनों वेदनी में लगाएं जूट जालियों का निरीक्षण कर यहां लौट कर आने पर बताया कि इन जूट जालियों से निश्चित ही कटाल को रोका जा सकता हैं। उन्होंने बताया कि पिछले महीनों लगाएं इन जालों के सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। जिन स्थानों पर जाल लगाएं गए हैं।उन स्थानों पर भूकटाव काफी हदतक रूका हैं। बताया कि बुग्यालों में कटाव रोकने के लिए जूट जालियों के सफल परिणाम आने के बाद आने वाले वर्षों में प्रभाग के अंतर्गत आली,नवाली,बगजी आदि बुग्यालों में हों रहे कटाव को रोकने के लिए बढ़े स्तर पर जूट जालियां लगाई जाएगी।इस ही बुग्यालों में मामचा घास का भी रोपण किया जा रहा है।मामचा घास ऐसी घास हैं जोकि जमीन को जकड़ने का कार्य तों करती ही हैं। साथ ही बुग्यालों की खुबसूरती को भी बढ़ाने में मददगार साबित होती हैं।

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