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अंकिता की हत्या को लेकर रिखणीखाल क्षेत्र में भी भड़का आक्रोश

–रिखणीखाल से प्रभूपाल रावत-

रिखणीखाल प्रखंड मुख्यालय में भी अंकिता भंडारी के कातिलों को फांसी की सजा देने की मांग को लेकर रिखणीखाल के सडकों पर ज्वाला भड़क उठी।

आज रिखणीखाल मुख्यालय के बाजार में अंकिता भंडारी के कातिलों द्वारा हत्या के विरोध में रिखणीखाल का आम जन मानस,जनप्रतिनिधि,मातृ शक्ति,युवक युवतियों ने मुख्य बाजार से उप तहसील कार्यालय तक उग्र नारों के बीच पैदल मार्च निकाला।इस पैदल मार्च में लोग सैकडों की संख्या में छोटे छोटे दर्जनों गाँव से शरीक हुए तथा लोगों में उबाल जोश व भारी आक्रोश दिखाई दिया।अंकिता की आत्मा की शान्ति के लिए दो मिनट का शान्ति मौन रखकर अपार जनसमुदाय ने श्रद्धांजलि दी।

तत्पश्चात उप तहसील पहुंचने पर प्रभारी तहसीलदार प्रीतम सिंह रावत के माध्यम से श्री राज्यपाल,उत्तराखंड को सम्बोधित ज्ञापन प्रेषित किया,जिसमें आम जनमानस ने मांग रखी कि रिखणीखाल की आवाम इस जघन्य हत्याकांड से स्तब्ध व गहरे सदमे में है,तथा अपने आपको ठगा सा तथा असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।पूरे प्रदेश में भय का माहौल बना हुआ है।

उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड के दोषियों व संलिप्त कर्मचारियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाये।मृतका के परिवार को सम्मानजनक मुआवजा व अन्य सुविधायें दी जाये।ताकि उसका पीड़ित परिवार समाज में खुशी से जी सके।दोषियों को राजनैतिक संरक्षण व छूट न मिले तभी अंकिता की आत्मा व पीड़ित परिवार को शान्ति मिलेगी।इन दरिंदों को त्वरित कठोर से कठोरतम सजा मिले।

अंकिता ने इन दरिंदों के मंसूबों पर पानी फेर दिया,उनसे कोई समझौता नहीं किया तथा समाज को एक आइना दिखाया कि ऐसी बेटियाँ हैं उत्तराखंड में जिसका आज हमें अंकिता पर गर्व है।पैदल मार्च में अंकिता अमर रहे के नारों से पूरा रिखणीखाल गूँज उठा।खूंटे पर बंधे पालतू पशु भी जनसैलाब को देखकर चकित रह गये व उनकी चीखें निकल रही थी।पैदल मार्च में पालतू व आवारा कुत्तों ने भी पूरा साथ दिया,क्योकि गाँव का ही माहौल था।

इस पैदल मार्च व शोक सभा में मुख्य रूप से प्रधान प्रमोद रावत,जिला पंचायत सदस्या शालिनी बलोधी,सुनीता सीमा,उर्मिला,सतीश ध्यानी,राजेन्द्र रावत,प्रधान संघ अध्यक्ष रघुवीर पटवाल,रमेश रावत,डबल सिंह,सुभाष जोशी,साधो सिंह,मुन्नी,मोहित सुन्दरियाल,रीना,शशि, आदि के साथ ऑगनबाडी कार्यकत्री,आशा कार्यकत्री,वन पंचायत सरपंच संगठन आदि सैकडों लोगों ने बढचढ कर प्रतिभाग किया।रिखणीखाल ने अपनी एकता की मिसाल बरकरार रखी जैसी उम्मीद थी।

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