गौचर मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या छात्र छात्राओं व बसंती बिष्ट के जागरों के नाम रही
-गौचर से दिग्पाल गुसाईं –
भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन से शुरू हुए गौचर मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या स्कूली छात्र छात्राओं व बसंती बिष्ट के जागरों के नाम रही।
बाल दिवस के अवसर पर शुरू हुए गौचर मेले की परंपरा रही है सुबह से शाम तक स्कूली छात्र छात्राओं द्वारा विभिन्न कार्यक्रम आयोजित कर बाल दिवस को धूमधाम से मनाया जाता है। सुबह प्रभात फेरी, मार्च पास्ट, खेलकूद के अलावा शाम को प्रतियोगात्मक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए मेले की पहली सांस्कृतिक संध्या से पहले छात्र छात्राओं के रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों का अभिभावकों के साथ ही लोगों ने खूब आनन्द लिया। इसके पश्चात बसंती बिष्ट ने मंच संभाला तो दर्शकों ने तालियों से उनका स्वागत किया। उन्होंने तेरी खुटी मेरू शलाम, के अलावा नरसिंह व देवी जागरों से माहौल को भक्तिमय बनाया।
इसके बाद जब उन्होंने मोहना तेरी मुरली बाजे ग्वाल बालों का संग व गोरी मुखड़ी गाना गाया तो दर्शक नाचने के लिए मंच में चढ़ गए। इस कार्यक्रम में उनके साथ जितेन्द्र तुमशाल, श्वेता मेहरा, दीपा, धन सिंह, सरिता आदि ने सहयोग किया।