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इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के मेरे एक सहपाठी की याद में …… !

-गोविंद प्रसाद वहुगुणा –
घटनाएं प्राकृतिक हो अथवा मानव जनित हों वे निश्चित ही जन जीवन को प्रभावित करती हैं I
किसी जगह के बारे में जब भी हम कोई प्रिय अथवा अप्रिय घटना का समाचार पढ़ते हैं,अथवा किसी के मुख से सुनते हैं तो हमारा ध्यान उस जगह से जुड़े व्यक्तियों की तरफ सबसे पहले जाता है।

कल न्यूयार्क टाइम्स में छपा किसी देवाशीष राय का एक लेख (दिनांक 9 अगस्त 2023 ) पढ़कर बहुत दुख हुआ ।

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में मेरे एक सहपाठी थे , श्री T. Gwite मुझे याद आ गये ,वे भी मणिपुर के ही रहने वाले इसाई समुदाय के एक नगा विद्यार्थी थे । श्री Gwite भारतीय पुलिस सेवा के DIG के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। बड़े ही शांत स्वाभाव के सहृदय व्यक्ति थे और मेधावी छात्र थे। वे हमारे साथ ही हॉलैंड हॉल हॉस्टल के ऑक्सफ़ोर्ड ब्लॉक के कमरा नंबर 5 में थे और मैं कमरा नंबर 7 में था I श्री Gwite 3-4 साल पहले दुर्भग्यवशात अस्वस्थ होकर चल बसे लेकिन उनका परिवार मणिपुर के churukchandpur में ही रहता है जहाँ पिछले दिनों ईसाई समुदाय के विरुध्द जातीय हिंसा की दर्दनाक घटनाएं घटित हुई । श्री Gwite का परिवार कैसा होगा यह चिंता अभी भी दिमाग को चिंतित करती है।

विध्वविद्यालय की पढाई के बाद कुछ दिनों तक Gwite सहाब से चिट्ठी पत्री से संपर्क रहता था लेकिन बाद में वह अपनी अपनी व्यस्तताओं की वजह से टूट गया। -एक बार सन 81-82 में जब Gwite सहाब विजिलेंस विभाग के SP थे तो उनका देहरादून आना हुआ था -तब हमारा कार्यालय मोहिनी रोड पर होता था जिसकी ऊपरी मंजिल में विजिलेंस विभाग का भी दफ्तर था -उस समय वे उस कार्यालय का निरीक्षण करने आये थे, तब अचानक उन्हें देखकर सुखद आश्चर्य हुआ था -उसी दिन शाम को वे मेरे निवास पर भी आये थे —

श्री Gwite ईसाई समुदाय से थे Iजब हम इलाहबाद में थे तो एक दिन वे मुझे अपने साथ इलाहाबाद के सबसे बड़े चर्च में ले गए थे, जहां उस दिन हमारे अंग्रेजी विभाग के एक प्रोफेस्सर श्री Richard Dutt साहब का विवाह समारोह संपन्न हो रहा था। मैने Gwite सहाब के सौजन्य से जिन्दगी में पहली बार किसी चर्च में विवाह समारोह देखा था।–

T. Gwite एक अच्छे लेखक भी थे -उन्होंने नगा लोगों के जन जीवन पर एक सुन्दर लेख हालैण्ड हॉल होस्टल के लिटरेरी एसोसिएशन की बैठक में पढ़कर सुनाया था जिसे सुनकर हमरे एक प्रोफेस्सर आर०एन०देब साहब बहुत खुश हुए थे। उन्होंने वह लेख Modern Review नामक एक अंग्रेजी साहित्यिक पत्रिका में प्रकाशनार्थ भेज दिया था और वह छप गया—
न्यूयार्क टाइम्स अखबार के लेख को पढ़कर मेरा दिमाग वहीं घूमने लगा -पता नहीं क्या हुआ होगा -भगवान् करे उनका परिवार कुशल पूर्वक हो —
(Newyork Times में छपे लेख का एक छोटा अंश –
“India Is on the Brink
Aug. 9, 2023
By Debasish Roy Chowdhury
Mr. Chowdhury is a Hong Kong-based writer.

Indian social media is a brutal place, a window on the everyday hatred and violence that has come to colonize the country …
A video clip showed two women being sexually assaulted as they were paraded, naked, by a crowd of men who later gang-raped one of them, according to a police complaint. The horrific scene was part of an explosion of ethnic violence since May that has turned the small state into a war zone, killing more than 150 people and displacing tens of thousands.”
GPB

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