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मसूरी गोलीकांड ; शहीदों के सपने अभी अधूरे ही हैँ

 

-अनंत आकाश
उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन के दौरान 2 सितम्बर 1994 को पौड़ी मुख्यालय में छात्र संघर्ष समिति द्वारा आयोजित विशाल रैली का आयोजन किया गया । इस ऐतिहासिक रैली में हजारों  छात्रों  और युवाओं ने भाग लिया, जिसका हिस्सा हम भी रहे। रैली समाप्त हो ही रही थी । मसूरी गोलीकाण्ड की सूचना मिली । जहां आन्दोलनकारी पुलिस गोली के शिकार हुऐ, इसमें एक पुलिस ‌का डीएसपी त्रिपाठी भी मारा गया । इससे पहले दिन खटीमा में पुलिस गोली से‌ अनेक आन्दोलनकारी शहीद हो चुके थे ।

मसूरी गोलीकाण्ड खबर मिलते ही उसी रात हम देहरादून लौट गये तथा अगले दिन देहरादून में मसूरी व खटीमा गोलीकांड के विरोध में आयोजित प्रदर्शन में हिस्सा लिया तथा इस दमनकारी नीति के खिलाफ अनेक विरोध कार्यवाहियां आयोजित की गई । मसूरी गोलीकांड तथा वहाँ की जनता पर पुलसिया दमन के खिलाफ मसूरी कूच का आह्वान के तहत हमें कुठालगेट पर गिरफ्तार किया गया तथा जिसमें हमारी पार्टी के माकपा वर्तमान महासचिव कामरेड सीताराम येचुरी, कामरेड नीलोत्पल बसु पोलिट ब्यूरो सदस्य आदि शामिल थे। इसी दिन सजपा के नेता सांसद सत्यप्रकाश मालवीय, राजेंद्र चौधरी आदि नेताओं को भी गिरफ्तार किया गया था ।

मसूरी, खटीमा, मुजफ्फरनगर गोली काण्ड के 29 वर्ष तथा राज्य बने 23 वर्ष बाद भी शहीदों के सही मायने में जनता के राज्य के सपने अधूरे हैं !आज हम सभी शहादत दिवस पर शहीदों के स्वप्नों को साकार करने का संकल्प लें ,उत्तराखण्ड के अमर शहीदों को शत् शत् नमन !

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